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अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- सुप्रीम कोर्ट सीमाएं लांघ रहा है, भाजपा बोली- ऐसे बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को विधेयकों पर फैसला लेने के लिए समय सीमा तय किये जाने के बाद से हो रहा विवाद

नई दिल्ली। राष्ट्रपति को विधेयकों पर फैसला लेने के लिए एक समय सीमा सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये जाने को लेकर विवाद जारी है। पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। ऐसे में आप किसी अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि संसद इस देश का कानून बनाती है। क्या आप उस संसद को निर्देश देंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देश में गृह युद्ध के लिए चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं। वहीं धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है। अगर हर किसी को सारे मामलों के लिए सर्वोच्च अदालत जाना पड़े तो संसद और विधानसभा बंद कर देनी चाहिए।
दरअसल ये मामला तमिलनाडु गवर्नर और राज्य सरकार के बीच हुए विवाद से उठा था। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को आदेश दिया कि राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है। वहीं बिल पर राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर फैसला लेना होगा। वहीं, निशिकांत के बयान से भाजपा ने किनारा किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान हैं।
भाजपा नेता अब कोर्ट को भी धमका रहे हैं: ओवैसी
इस मामले में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा नेता इतने कट्टर हो गए हैं कि अब वे कोर्ट को भी धार्मिक युद्ध की धमकी देने लगे हैं। कोर्ट को इस तरह धमका रहे हैं। मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे, तो देश कमजोर हो जाएगा। देश आपको माफ नहीं करेगा। वहीं, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे कई मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने जो किया है वह असंवैधानिक है।