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हरेन पंड्या: जब तक उनका दिल धड़कता रहा, वे समाज सेवा, भाजपा और कार्यकर्ताओं के लिए समर्पित रहे

(उत्कर्ष पटेल)
हरेन पंड्या का नाम गुजरात के राजनीतिक क्षेत्र और अहमदाबाद के सामाजिक क्षेत्र में एक पहचान है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा, संगठन और श्रमिकों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। अहमदाबाद के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस जमीनी कार्यकर्ता का सफर एक कार्यकर्ता से शुरू होकर विधायक के पद तक पहुंचा, लेकिन उनकी असली पहचान उनकी निष्ठा, साहस और जनता के प्रति अपार स्नेह में निहित है। हरेन पंड्या एक ऐसे व्यक्ति थे जिनका दिल जब तक धड़कता रहा, समाज की भलाई और पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्थान के लिए धड़कता रहा।
हरेन पंड्या का जन्म 10 जनवरी 1961 को अहमदाबाद के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता विट्ठलभाई पंड्या एक छोटे व्यवसायी थे जिन्होंने अपने बच्चों में नैतिकता और मूल्यों का संचार किया। छोटी उम्र से ही हरेनभाई में समाज के लिए कुछ करने और लोगों की मदद करने का अनोखा जुनून था। वे अपने विद्यार्थी जीवन में एक मेधावी छात्र थे, लेकिन उनका मन हमेशा सामाजिक कार्य और राष्ट्र सेवा की ओर आकर्षित रहा। यही उत्साह उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जोड़ता गया और उनके जीवन का आधार बन गया।
हरेन पंड्या ने भाजपा में अपनी यात्रा एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में शुरू की थी। 1980 के दशक में, जब भाजपा गुजरात में अपनी स्थिति मजबूत कर रही थी, हरेन पंड्या अहमदाबाद से एक युवा कार्यकर्ता के रूप में उभरे, जिनमें संगठनात्मक कौशल और लोगों को जोड़ने की अद्वितीय क्षमता थी। उन्होंने प्रत्येक कार्यकर्ता की चिंताओं/समस्याओं को सुना, उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया और पार्टी के आदर्शों को घर-घर पहुंचाने का काम किया। इस समर्पण ने उन्हें अहमदाबाद के युवा नेता के रूप में ख्याति दिलाई।
अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण वे शीघ्र ही पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच गये। 1998 में वे अहमदाबाद के एलिसब्रिज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। यह सफलता उनकी अथक मेहनत और जनता/मतदाताओं से सीधे संपर्क का परिणाम थी। विधायक के रूप में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए कई कार्य किये।
हरेन पंड्या सिर्फ एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि एक सच्चे समाजसेवी भी थे। उनका मानना था कि राजनीति समाज की सेवा का साधन है, सत्ता हासिल करने का नहीं। जब 2001 में गुजरात में भूकंप के कारण भयंकर आपदा आई तो हरेन पंड्या ने पीड़ितों की मदद के लिए दिन-रात काम किया। वे स्वयं लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में व्यस्त थे। इस घटना ने उनकी सेवा भावना को जनता के सामने उजागर कर दिया।
उनकी निर्भीकता और स्पष्टवादिता भी उन्हें अलग बनाती थी। वे सदैव सत्य और न्याय के पक्ष में खड़े रहे, भले ही इसके लिए उन्हें अपने ही लोगों के खिलाफ खड़ा होना पड़ा। यही कारण है कि वे लोगों के दिलों में बस गए और एक प्रेरणादायी व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने लगे।
हरेन पंड्या के लिए भाजपा सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि एक परिवार है। वह मजदूरों को अपना भाई मानते थे और उनकी हर समस्या में उनके साथ खड़े रहते थे। उन्होंने कई युवाओं को पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें राष्ट्रसेवा के पथ पर लाया। उनके भाषण में इतनी शक्ति थी कि वह लोगों को प्रभावित कर सकता था और उनका जीवन कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा था।
हरेन पंड्या की 26 दिसंबर 2003 को अहमदाबाद के लॉ गार्डन में हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने गुजरात के राजनीतिक और सामाजिक जगत को हिलाकर रख दिया। लेकिन उनकी मृत्यु उनके आदर्शों को पूरा नहीं कर सकी। आज भी उनके नाम पर अनेक सामाजिक कार्य किये जा रहे हैं तथा उनके जीवन से प्रेरित होकर अनेक युवा समाज सेवा एवं राष्ट्र सेवा के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।
हरेन पंड्या एक ऐसा नाम है जो सदैव निष्ठा, समर्पण और सेवा का प्रतीक रहेगा। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची सफलता शक्ति या धन में नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में जगह बनाने में है। उनकी यात्रा हर युवा के लिए प्रेरणा है, जो दिखाती है कि अगर समर्पण और कड़ी मेहनत हो तो एक साधारण व्यक्ति भी असाधारण चीजें हासिल कर सकता है।
(लेखक एक प्रतिष्ठित उद्यमी और समाज सेवक हैं। लेख में व्यक्त किये गये विचार उनके निजी विचार हैं। )