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नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन क्या करें, क्या न करें

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियां विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती हैं, और इन दिनों को लेकर कुछ खास ध्यान रखने योग्य बातें हैं। इस बार नवरात्रि की अष्टमी 5 अप्रैल को है और 6 अप्रैल को नवमी है। नवरात्रि की ये दोनों तिथियां बेहद अहम होती हैं। नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि के दिन हवन और कन्या को भोजन कराया जाता है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए। इस बार तो नवरात्रि की अष्टमी के दिन भद्रा और राहु काल का साया रहने वाला है। ऐसे में कन्या पूजन को लेकर विशेष सावधानी रखनी होगी। यहां कुछ बातें बतायी जा रही हैं जिन्हें अष्टमी और नवमी के दिन करना चाहिए और जिनसे बचना चाहिए।
अष्टमी-नवमी पर क्या करें
कन्या पूजन: इन दिनों पर कन्या पूजन अनिवार्य है, और इसके बिना नवरात्रि का व्रत पूरा नहीं माना जाता। हालांकि, कन्या पूजन के लिए समय का विशेष ध्यान रखें। इस बार अष्टमी के दिन भद्रा और राहु काल का साया रहेगा, जिससे कन्या पूजन का सही समय है सुबह 11:59 से लेकर दोपहर 12:49 तक।
हवन: नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियों पर हवन करना भी शुभ होता है। इसे धार्मिक क्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जो पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग खोलता है।
सात्विक आहार: नवरात्रि व्रत का पारण खीर, हलवा, पूरी जैसी सात्विक चीजों से करना चाहिए। तामसिक चीजों का सेवन, जैसे लहसुन, प्याज, मांसाहारी भोजन, से बचें।

अष्टमी-नवमी पर क्या न करें
भद्रा और राहु काल के दौरान पूजा न करें: इस समय को अशुभ माना जाता है, इसलिए भद्रा काल (5 अप्रैल को सुबह 6:07 से 7:44 बजे तक) और राहु काल (9:15 से 10:50 बजे तक) के दौरान कन्या पूजन और अन्य शुभ कार्यों से बचें।
बाल और नाखून काटना: इन दिनों में बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
काले और नीले कपड़े न पहनें: अष्टमी और नवमी के दिन काले और नीले रंग के कपड़े पहनने से बचें। हरे, लाल, पीले, गुलाबी, और नारंगी रंग के कपड़े शुभ माने जाते हैं।
चमड़े की चीजें न उपयोग करें: नवरात्रि के दौरान पूजा स्थल पर चमड़े की वस्तुएं न लाएं और न ही उनका उपयोग करें। यह धार्मिक रूप से वर्जित माना जाता है।