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निशांत की 'गुगली': तेजस्वी की तारीफ के साथ पिता नीतीश के लिए वोट की अपील, बिहार की सियासत में हलचल

पटना। बिहार की सियासत में उस समय एक नया मोड़ आ गया, जब जनता दल (यूनाइटेड) के युवा नेता निशांत कुमार ने एक चुनावी सभा में अपने पिता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए वोट मांगते हुए विपक्षी नेता तेजस्वी यादव की तारीफ कर दी। निशांत की इस ‘गुगली’ ने न केवल सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि विपक्षी खेमे में भी नई अटकलों को जन्म दे दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक छह महीने पहले आए इस बयान ने सत्ताधारी और विपक्षी दलों की रणनीतियों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
निशांत कुमार ने गुरुवार को पटना के एक चुनावी सभा में कहा, "तेजस्वी भाई एक युवा और ऊर्जावान नेता हैं। उनकी सोच और मेहनत की मैं तारीफ करता हूं। लेकिन बिहार के विकास के लिए अनुभव की जरूरत है, और वो अनुभव मेरे पिता नीतीश कुमार के पास है। इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि नीतीश जी को वोट दें।" इस बयान ने सियासी पंडितों को हैरान कर दिया, क्योंकि नीतीश और तेजस्वी के बीच पिछले कुछ सालों में तीखी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता देखी गई है।
हाल ही में सी-वोटर सर्वे में तेजस्वी यादव को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बताया गया था, हालांकि उनकी लोकप्रियता में 40.6% से 35.5% की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, नीतीश कुमार की लोकप्रियता भी 18% से घटकर 15% हो गई है। ऐसे में निशांत का यह बयान एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिसका मकसद युवा वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करना हो सकता है।

विपक्षी खेमे ने इस बयान को तुरंत भुनाने की कोशिश की। राजद नेता मनोज झा ने कहा, "निशांत जी का बयान दिखाता है कि नीतीश जी का समय अब खत्म हो चुका है। अगर उनके अपने बेटे को भी तेजस्वी में भविष्य दिख रहा है, तो जनता क्यों पीछे रहे?" वहीं, तेजस्वी यादव ने इस बयान पर हल्के-फुल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैं निशांत भाई का शुक्रिया अदा करता हूं। लेकिन बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है, और वो बदलाव हम लाएंगे।"
बीजेपी, जो नीतीश कुमार की सहयोगी है, ने इस बयान पर सतर्क प्रतिक्रिया दी। बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा, "निशांत युवा हैं, उनकी अपनी सोच हो सकती है। लेकिन नीतीश जी और हमारा गठबंधन मजबूत है। हमें बिहार के विकास पर पूरा भरोसा है।" कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निशांत का यह बयान नीतीश कुमार की घटती लोकप्रियता को देखते हुए एक भावनात्मक अपील हो सकता है, ताकि विपक्ष के युवा चेहरे का मुकाबला किया जा सके।

बिहार की सियासत में नीतीश और तेजस्वी के बीच का टकराव कोई नई बात नहीं है। 2024 में तेजस्वी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा था कि वे चुनाव बाद एक और ‘यू-टर्न’ ले सकते हैं। अब निशांत के इस बयान ने उस चर्चा को फिर से हवा दे दी है। क्या यह बयान बिहार की सियासत में एक नए समीकरण की शुरुआत है, या फिर यह महज एक चुनावी रणनीति है? यह तो आने वाले महीने ही बताएंगे, लेकिन फिलहाल निशांत की यह ‘गुगली’ बिहार की सियासत में चर्चा का केंद्र बन गई है।