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AWACS सिस्टम क्या है, जिसे भारत ने नष्ट कर दिया, पाकिस्तान कैसे करता है इसका इस्तेमाल?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की इस नापाक हरकत के जवाब में भारत ने सख्त कार्रवाई की है। इस जवाबी हमले में पाकिस्तान की पूरी वायु रक्षा प्रणाली, चार लड़ाकू विमान और एक उच्च तकनीक वाला AWACS नष्ट हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये AWACS क्या है और कैसे काम करता है। अगर हम इसकी कार्यप्रणाली को समझें तो हम समझ सकते हैं कि पाकिस्तान ने क्या खोया है।
क्या है अवाक्स?
AWACS का पूरा नाम एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम है। AWACS एक विशेष प्रकार का विमान है जिस पर एक बड़ा गोलाकार रडार लगा होता है। इस रडार की रेंज बहुत लंबी है और यह दुश्मन के विमानों, ड्रोनों, हेलीकॉप्टरों, मिसाइलों और कभी-कभी जमीनी गतिविधियों का भी पता लगा सकता है। इसे "आसमान से देखने वाली आंख" भी कहा जा सकता है। इसका काम न केवल निगरानी रखना है, बल्कि अन्य लड़ाकू विमानों को निर्देश देना और दुश्मन की स्थिति के बारे में जानकारी देना भी है।

AWACS कैसे काम करता है?
आपको बता दें कि AWACS विमान में लगा रडार 360 डिग्री घूमकर सौ किलोमीटर तक देख सकता है। यह दुश्मन के विमानों की बहुत आसानी से पहचान कर सकता है। इसे किसी भी देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी स्थिति में AWACS का नष्ट होना रक्षा के नजरिए से एक बड़ी क्षति मानी जा सकती है।

AWACS के आवश्यक कार्य
AWACS का पहला और सबसे महत्वपूर्ण काम हवाई निगरानी करना है, अर्थात यह देखना कि आकाश में क्या हो रहा है, कौन उड़ रहा है, वे कहां से आ रहे हैं, और कहां जा रहे हैं। यह अपने निकटवर्ती लड़ाकू विमानों को भी निर्देश देता है। इससे युद्ध के दौरान लड़ाकू विमानों को यह समझने में मदद मिलती है कि उन्हें कहां जाना है, किसे रोकना है और किस पर हमला करना है। इसके अंदर ऑपरेटरों की एक टीम होती है जो कंप्यूटर स्क्रीन पर सब कुछ देखती और समझती है। यह रेडियो या डेटा लिंक के माध्यम से एफ-16 जैसे लड़ाकू विमानों को सीधे निर्देश भेज सकता है। इतना ही नहीं, AWACS दुश्मन के विमानों से निकलने वाले रेडियो सिग्नल, रडार तरंगों और संचार संकेतों को भी पकड़ सकता है। इससे उसे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि दुश्मन कौन से हथियार सक्रिय कर रहा है। इससे उन्हें यह योजना बनाने में मदद मिलती है कि किस विमान को लक्ष्य बनाया जाए और किस लड़ाकू विमान को मिशन पर भेजा जाए।
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