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गुजरात सरकार का बड़ा फैसला, सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की
ड्रोन उड़ाने और पटाखों पर भी बैन, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गई

अहमदाबाद। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए गुजरात को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने गांधीनगर स्थित इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर में महत्वपूर्ण बैठक की और ताजा हालातों पर चर्चा की। विभिन्न विभागों के वरिष्ठ सचिवों और संबंधित जिलों के प्रशासनिक प्रमुखों, पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर जानकारी ली। राज्य में आपातकालीन स्थिति को देखते हुए सभी हेल्थकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सभी अस्पतालों को दवा का पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा गया है। इमरजेंसी की स्थिति में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने को कहा गया है। सीमावर्ती इलाकों और तटीय इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। 18 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। महत्वूपर्ण धार्मिक स्थलों और पोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हजीरा पोर्ट पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। गुजरात सरकार ने राज्य भर में 15 मई तक सभी कार्यक्रमों में पटाखों और ड्रोन के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने एक पोस्ट में लोगों से दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया।
बनासकांठा, कच्छ और पाटण के सीमावर्ती इलाकों के गांवों में ब्लैकआउट लागू है। अगले आदेश तक इन गांवों में रोजाना शाम के बाद ब्लैकआउट रहेगा।
कच्छ में ड्रोन से हमले की कोशिश नाकाम
पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन कच्छ में ड्रोन हमले की कोशिश की। भारतीय सेना के डिफेंस सिस्टम ने इसे इंटरसेप्ट किया और मार गिराया। पाकिस्तान के संभावित हमले को देखते हुए गुजरात के सीमावर्ती इलाकों के 18 जिले हाई अलर्ट पर हैं। वहीं, भुज एयरपोर्ट सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।
ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, द्वारका मंदिर की सुरक्षा बढ़ी
ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, द्वारका मंदिर और शक्तिपीठ अंबाजी जैसे धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। सोमनाथ मंदिर को पहले से ही जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। इसके तहत यहां तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। इसके साथ ही यहां बम और डॉग स्क्वॉड भी तैनात हैं।
अरब सागर से मछुआरों को वापस बुलाया गया
अरब सागर में मछली पकड़ने गए सभी मछुआरों को वापस बुला लिया गया है। कच्छ के सीमावर्ती क्षेत्र नारायण सरोवर, जखाऊ और लखपत के समुद्री क्षेत्रों में मछुआरों की अन्य छोटी-मोटी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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