- Hindi News
- धर्म ज्योतिष
- अमरनाथ यात्रा में पहली बार फेस रिक्गनिशन सिस्टम…संदिग्ध कैमरे में दिखते ही सुरक्षा बलों को करेगा अलर...
अमरनाथ यात्रा में पहली बार फेस रिक्गनिशन सिस्टम…संदिग्ध कैमरे में दिखते ही सुरक्षा बलों को करेगा अलर्ट
आतंकी हमलों से निपटने के लिए इस बार विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं

श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा अगले महीने की तीन तारीख से शुरू होने वाली है। इस बार सुरक्षा के पुख्ता के इंतजाम किये जा रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमला और पाकिस्तान के साथ तनाव को देखते हुए पुलिस के लिए इस यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि पुलिस भी सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। इसी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अमरनाथ यात्रा के पहलगाम रूट पर फेस रिक्गनिशन सिस्टम (एफआरएस) लगाया है। यह सिस्टम संदिग्ध, ब्लैक लिस्टेड लोगों और घाटी में एक्टिव आतंकियों के कैमरे में आते ही सुरक्षा बलों को अलर्ट करेगा, ताकि तीर्थयात्रियों पर किसी भी तरह के आतंकवादी हमले को रोका जा सके। इसके लिए आतंकियों और संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर्स की तस्वीरें इस सिस्टम में अपलोड की गई हैं।
बालटाल रूट पर भी यह सिस्टम लगाए जा रहे हैं। यह सिस्टम डिजिटल तस्वीरों या वीडियो से चेहरे एनालिसिस करके, डेटाबेस से मिलाकर व्यक्ति की पहचान करता है। बता दें कि यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया है। तीन जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाली यात्रा पहली बार 38 दिन की हो रही है। 9 अगस्त को छड़ी मुबारक के साथ रक्षाबंधन के दिन पूरी होगी। इस साल यात्रा की अवधि घटाकर 38 दिन की गई है। पिछले साल यह यात्रा 52 दिनों तक चली थी।
इस यात्रा के लिए ये विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं
इस यात्रा के लिए इस बार विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। जैसे काफिले की सुरक्षा के लिए पहली बार जैमर लगाए जा रहे हैं, जिसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सुरक्षा प्रदान करेगी। सशस्त्र बलों की 581 कंपनियां तैनात की जाएंगी। लगभग 42000 से 58,000 जवान तैनात होंगे। वहीं, श्रद्धालुओं को कंधे पर बिठाकर ले जाने वाले पोनी वालों का वैरिफिकेशन होगा। क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले पोनी/पिट्ठू सर्विस चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। घोड़े-खच्चर की भी टैगिंग की गई है, जिन पर बैठकर श्रद्धालु यात्रा पर जाएंगे। रियल टाइम ट्रैक किया जा सके। बता दें कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर पहले भी कई आतंकवादी हमले हो चुके हैं। अगस्त 2000 में नुनवान बेस कैंप पर हुए आतंकवादी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थयात्रियों समेत 32 लोग मारे गए थे। जुलाई 2001 में एक हमले में 13 लोग मारे गए थे, जब आतंकवादियों ने यात्रा के शेषनाग बेस कैंप पर हमला किया था। 2002 और 2017 में भी अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया गया था।
यात्रा के दौरान ये दस्तावेज जरूर अपने साथ रखें
अमरनाथ यात्रा के दौरान कुछ जरूरी कागजात जरूर अपने पास रखें। जैसे मेडिकल सर्टिफिकेट, चार पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म। ताकि आपको परेशानी न हो।
About The Author

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.