'विराट जैसे आक्रामक बनो!' गिल की रणनीति पर शास्त्री का सवाल, सीनियर खिलाड़ियों को भी दी नसीहत

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रवि शास्त्री ने मैनचेस्टर टेस्ट में शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठाए हैं। रवि शास्त्री जो भारत के पूर्व कोच हैं, गिल के कुछ फैसलों से नाखुश दिखे। उन्होंने सबसे पहले वॉशिंगटन सुंदर को देर से गेंदबाजी देने के फैसले की निंदा की। सुंदर ने पिछले लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में 4 विकेट लिए थे, फिर भी उन्हें मैनचेस्टर में 68 ओवर के बाद गेंदबाजी करने के लिए लाया गया। सुंदर ने आते ही ओली पोप और हैरी ब्रूक के विकेट लिए, जिससे शास्त्री का मानना है कि उन्हें 30-35 ओवर के अंदर ही गेंदबाजी मिलनी चाहिए थी।

शास्त्री ने गिल की कप्तानी में अन्य गलतियों का भी जिक्र किया। उनका मानना था कि मोहम्मद सिराज को नई गेंद से शुरुआत करनी चाहिए थी, लेकिन गिल ने अपना पहला टेस्ट खेल रहे कम्बोज को गेंद दी, जिससे इंग्लैंड को शुरुआती राहत मिली। बाउंसर की रणनीति भी एक दिन देर से अपनाई गई, जबकि शास्त्री के अनुसार दबाव बनाने के लिए इसे पहले ही दिन आजमाना चाहिए था।

रवि शास्त्री ने शुभमन गिल की तुलना विराट कोहली से की। उन्होंने कहा कि कोहली जब कप्तान बने थे, तो वह अधिक आक्रामक थे और उन्हें कभी-कभी शांत कराना पड़ता था, खासकर फील्ड प्लेसिंग के समय। शास्त्री ने जोर दिया कि गिल अनुभव के साथ बेहतर कप्तान बन सकते हैं। उन्होंने टीम मैनेजमेंट जैसे गौतम गंभीर और मोर्ने मोर्कल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया जो गिल को मार्गदर्शन दे सकते हैं।

रवि शास्त्री ने यह भी सलाह दी कि रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी गेंदबाजों को आगे आकर गिल की मदद करनी चाहिए, क्योंकि उनके पास अनुभव है और वे खुद से फील्ड सेट कर सकते हैं। शास्त्री के अनुसार, इस टेस्ट में भारत की रणनीति पर सवाल उठे हैं, और अब यह देखना होगा कि गिल आने वाले मैचों में अपनी कप्तानी में क्या बदलाव लाते हैं।

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