सावन का आखिरी सोमवार कब? इस दिन इन चीज़ों का दान करने से प्राप्त होगी भगवान शिव की कृपा!

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सावन के पूरे महीनेभर भक्तगण भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के जप, तप और पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के सोमवार का अपना एक अलग ही महत्व है, और यह माना जाता है कि इन दिनों की गई पूजा से दोगुना फल प्राप्त होता है। ऐसे में आपके पास भगवान शिव को प्रसन्न करने का बहुत ही कम समय बचा है। तो आइए जानते हैं सावन का आखिरी सोमवार कब है।

कब है सावन का आखिरी सोमवार?
इस वर्ष सावन का आखिरी सोमवार 4 अगस्त को पड़ेगा। यह दिन कई शुभ योगों के साथ आ रहा है। इस पावन तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ ब्रह्म योग और इंद्र योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसके अतिरिक्त, इस दिन चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र में वृश्चिक राशि में संचार करेगा। ग्रहों का यह शुभ संयोग इस बात का संकेत है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य और धार्मिक कार्य आपको उत्तम फल की प्राप्ति कराएंगे और आपकी मनोकामनाओं को पूरा करेंगे।

सावन के आखिरी सोमवा इन चीज़ों का दान करें

दान-पुण्य का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, और सावन के अंतिम सोमवार को किए गए दान का फल कई गुना अधिक मिलता है।
चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में है, जिससे मानसिक तनाव या अस्थिरता बनी रहती है, तो सावन के आखिरी सोमवार को चंद्रमा से संबंधित वस्तुएं दान करना लाभकारी माना जाता है। चावल, दूध, दही, चीनी और सफेद कपड़े जैसी वस्तुएं किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति या गरीब को दान करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे मानसिक शांति और स्थिरता बनी रहती है।

चांदी का दान: सावन के आखिरी सोमवार को चांदी से जुड़ी वस्तुओं का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से न केवल कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सुधरती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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सावन के आखिरी सोमवार करें ये उपाय

रुद्राभिषेक: भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावशााली तरीका रुद्राभिषेक माना जाता है। सावन के अंतिम सोमवार को रुद्राभिषेक कराने से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं।

बेलपत्र पत्र अर्पित करना: सावन के आखिरी सोमवार को 108 बेलपत्र लेकर उन पर सफेद चंदन से "ओम नमः शिवाय" लिखें। इसके बाद एक-एक करके इन बेलपत्रों को पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव को अर्पित करें, इसी के साथ शमी के पत्ते लेकर उन पर शहद लगाकर भगवान शिव को अर्पित करें। यह उपाय भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।

ज़रूरतमंदों को भोजन और दान: सावन के आखिरी सोमवार को किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करें। इसके बाद अपनी सामर्थ्य के अनुसार ज़रूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें। ऐसा करने से भगवान शिव के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और आपके पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है।

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