सूरत का टेक्सटाइल उद्योग नई तकनीक और गुणवत्ता से वैश्विक गारमेंटिंग हब के रूप में उभर रहा

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सूरत। सूरत का टेक्सटाइल उद्योग पूरी दुनिया में फेमस है। यहां नई तकनीक, गुणवत्ता और नवाचार का विशेष ध्यान रखा जाता है। यही कारण है कि पूरी दुनिया में यहां से कपड़े का निर्यात किया जाता है। आधुनिक तकनीकों की वजह से सूरत का कपड़ा मार्केट हमेशा अपडेट रहता है। इसलिए उन्नत किस्म के कपड़े यहां तैयार होते हैं। इसकी एक खास वजह यह भी है कि सूरत में मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) तैयार किये जाते हैं, जिसकी डिमांड पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है। इधर, दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर ( जीएफआरआरसी) द्वारा टेक्सटाइल वीक का आयोजन किया जा रहा है।

इसमें मानव निर्मित रेशों या मैन मेड फाइबर के निर्यात के भविष्य पर चर्चा की गई। इसमें उद्योग विशेषज्ञों और उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इन्होंने निर्यात क्षेत्र में संभावनाओं, उद्योग की वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत विचार साझा किए। इस सेमिनार में बिंदल एक्सपोर्ट्स के अध्यक्ष रवींद्र आर्य ने कहा कि निर्यात में सफलता के लिए स्थायित्व को अपनाना आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि बड़े पैमाने पर कारोबार करने वाले उद्यमियों को एक योग्य सीईओ या प्रबंधन सलाहकार नियुक्त करना चाहिए। इसका मुख्य कारण है कि यदि उद्यमी खुद सभी जिम्मेदारियां उठाएंगे तो वे व्यवसाय में आगे नहीं बढ़ पाएंगे। 

व्यवसाय में ग्राहकों की जरूरतों की प्राथमिकता जरूरी

रविंद्र आर्य ने कहा कि व्यवसाय में ग्राहकों की जरूरत को प्राथमिकता देना चाहिए। जब यह दृष्टिकोण अपनाया जाएगा तो कारोबार खुद ब खुद आगे बढ़ेगा और लाभ मिलेगा। उन्होंने व्यवसाय को सिस्टम आधारित, डेटा आधारित और संस्कृति आधारित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। बता दें कि 2019 में फाइबर उत्पादन 104 मिलियन टन था, जो 2030 तक बढ़कर 135 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है। इसमें मानव निर्मित फाइबर की हिस्सेदारी सबसे अधिक रहेगी। 

दरअसल कपास का उत्पादन वर्षों से स्थिर है, जबकि पॉलिएस्टर जैसे फाइबर सस्ते, टिकाऊ और उच्च उत्पादन क्षमता वाले हैं, जिससे उनका उपयोग तेजी से बढ़ा है। भारत में विशेष रूप से सूरत फिलामेंट पॉलिएस्टर उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। एसजीसीसीआई के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि सूरत के उद्यमियों के लिए अब वैश्विक बाजार में प्रवेश के अद्वितीय अवसर उपलब्ध हैं। पारंपरिक उद्योग से आगे बढ़ते हुए अब नई तकनीक, गुणवत्ता के बल पर सूरत वैश्विक गारमेंटिंग हब के रूप में उभर रहा है।

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