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गोकर्ण गुफा से मिली रूसी मां-बेटियों को राहत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने बच्चों के भविष्य को दी प्राथमिकता

कर्नाटक के गोकर्ण में गुफा से 40 वर्षीय रूसी महिला नीना कुटिना और उनकी दो बेटियों के मिलने के बाद से इस मां-बेटियों की कहानी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। 9 जुलाई को उत्तर कन्नड़ जिले के पास गोकर्ण में एक गुफा से नीना और उनकी दो बेटियां मिली थीं। उसके बाद उन्हें बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। उसके बाद से पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही थी।
कहा जा रहा था कि पूछताछ के बाद रूसी महिला को उसके देश भेज दिया जाएगा, लेकिन कर्नाटक की कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी है। जिसके बाद रूसी महिला नीना कुटिना को बड़ी राहत मिली है। इस राहत के पीछे नीना कुटिना की 'प्रेम की निशानी' बहुत उपयोगी रही। आइए जानते हैं कि कुटिना को राहत मिली वह 'प्रेम की निशानी' क्या है।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने नीना के रूस निर्वासन पर रोक लगा दी थी। इसका मुख्य कारण उसकी दो बेटियां थीं, जो गोवा के प्रेम का प्रतीक हैं। यानी, गोवा में ही नीना को एक इजरायली व्यवसायी के साथ पहली नज़र में ही प्यार हो गया था, जिसके बाद उसे दो बेटियां हुईं। नीना के वकील बीना पिल्लई ने संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ द चाइल्ड (UNCRC) का उल्लेख करते हुए कहा था कि बच्चों का कल्याण सबसे महत्वपूर्ण है। यहां आपको बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुच्छेद 3 के अनुसार, 'बच्चों को प्रभावित करने वाले सभी निर्णयों और कार्यों में बच्चों के सर्वोत्तम हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।'
जज एस. सुनील दत्त यादव ने स्वीकार किया कि बच्चों को उनकी मां से अलग करना या उन्हें रूस भेजना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। कोर्ट ने कहा, 'बच्चों का भविष्य पहले आता है, फिर बाकी सब।' अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

नीना कुटिना अपनी दो बेटियों के साथ गोकर्ण में रामतीर्थ पहाड़ी पर एक गुफा में रहती हुई मिली थीं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रूसी महिला आठ साल तक भारत में अपने वीज़ा की अवधि से अधिक समय तक रही थी। 40 वर्षीय रूसी महिला ने पुलिस को बताया कि वह 'आध्यात्मिक एकांत और प्रकृति के करीब रहने' के लिए गोवा से कर्नाटक आई थी। 9 जुलाई को गुफा में परिवार मिलने के बाद अधिकारियों ने नीना और उसके बच्चों को आगे की कार्रवाई के लिए तुमकुरु के एक आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया।

उसके बाद नीना के अलग हुए जीवनसाथी और बेटियों के पिता ड्रोर गोल्डस्टीन आगे आए और कहा कि वह अपनी दोनों बेटियों की हिरासत चाहते हैं। ड्रोर कहते हैं कि नीना ने उसकी बेटियों को उनसे छीन लिया। 2017 में गोवा पुलिस में दर्ज शिकायत में ड्रोर ने नीना पर आरोप लगाया था कि वह उसे बच्चों से दूर रखती है और पैसे के लिए उसका उपयोग करती है। गोल्डस्टीन ने नीना पर उसके बच्चों का ब्रेनवॉश और उन्हें उससे दूर रखने का आरोप लगाया था।
कोर्ट के आदेश के बाद नीना और उसकी बेटियां फिलहाल तुमकुरु के एक आश्रय गृह में हैं। तब तक, निर्वासन स्थगित कर दिया गया है। नीना को राहत मिली है, क्या नीना भारत में ही रहेगी? या उसकी बेटियां अपने पिता के पास जाएंगी? अब यह प्रश्न सबके मन में है।
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