- Hindi News
- राष्ट्रीय
- चंडोला तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटाया गया, नर्मदा के पानी से इसे भरा जाएगा, कांकरिया की तरह तालाब
चंडोला तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटाया गया, नर्मदा के पानी से इसे भरा जाएगा, कांकरिया की तरह तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाएगा
तालाब का ऐसा विकास किया जाएगा कि लोगों को कांकरिया घूमने जाने की जरूरत नहीं होगी

अहमदाबाद। यहां चंडोला तालाब के आसपास बसे अवैध बस्तियों को हटाने का सबसे बड़ा अभियान चल रहा है। गुजरात सरकार इन बस्तियों में रह रहे बांग्लादेशियों को डिपोर्ट करने की तैयारी कर रही है। अब तक लगभग 4000 छोटे-बड़े कच्चे-पक्के मकानों और झुग्गियों को तोड़कर करीब डेढ़ लाख वर्ग मीटर सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है। अब यहां विकास कार्य किया जाएगा। बता दें कि कांकरिया तालाब के बाद सबसे बड़े माने जाने वाले चंडोला तालाब से अतिक्रमण हटाने के बाद सरकार इसके सौंदर्यीकरण पर फोकस करेगी। चंडोला तालाब को नर्मदा के पानी से भरा जाएगा। अहमदाबाद नगर निगम द्वारा राज्य सरकार के अधीन चंडोला तालाब के विकास के लिए 2024 में ही मंजूरी दे दी गई थी। अहमदाबाद के पूर्वी क्षेत्र में दानिलीमड़ा और ईसानपुर इलाके में फैला यह तालाब लगभग 1,200 एकड़ में फैला हुआ है। कुल सात चरणों में इसका विकास किया जाएगा। पहले चरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में दानिलीमड़ा से नारोल की ओर जाने वाले रोड के हिस्से का विकास होगा। तालाब को विकसित करके नर्मदा के पानी से भरा जाएगा। एक एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) भी स्थापित किया जाएगा। इससे तालाब में सालभर पानी भरा रहेगा।
चंडोला तालाब की अलग पहचान बनेगी
चंडोला तालाब के पहले चरण का विकास 27.53 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। पुनर्विकास के बाद इस क्षेत्र की रौनक बदल जाएगी और एक अलग पहचान बनेगी। तालाब के चारों ओर ड्रेनेज लाइन, वॉकवे, बीआरटीएस आदि का निर्माण किया जाएगा। तालाब से मिट्टी निकालकर जल संचय बढ़ाया जाएगा।
पहले चरण में ये काम होंगे
पहले चरण के अंतर्गत फिलहाल तालाब की खुदाई, मिट्टी भराई, वॉकवे और खंभाती कुएं का काम चल रहा है। चंडोला तालाब के कायाकल्प के बाद यह क्षेत्र सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाएगा। यानी यहां के आसपास के लोगों को घूमने जाने के लिए कांकरिया जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तालाब के सर्वेक्षण का काम शुरू
तालाब के चारों ओर दीवार बनाई जाएगी। डिमोलिशन के बाद नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग और एस्टेट विभाग द्वारा तालाब का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों के साथ एक निजी एजेंसी की टीम ने भी डिमोलिशन साइट का निरीक्षण किया है। आने वाले दिनों में इसका नक्शा तैयार किया जाएगा।