सूरत को बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की तैयारी, सरकार को भेजा रिपोर्ट

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सूरत। सूरत को बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है। मुंबई के बाद कनेक्टिविटी के मामले में सूरत को सबसे आगे माना जाता है। लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने के लिए सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एसएमसी) और गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड (जीआईडीबी) ने संयुक्त रूप से एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूरत को देश के आर्थिक क्षेत्र में और अधिक गतिशील बनाना है, ताकि यह लॉजिस्टिक क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बन सके। इसका सबसे बड़ा फायदा रोजगार क्षेत्र में होगा। शहर में रोजगार की नई संभावनाएं पैदा होंगी। लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकेगी। लॉजिस्टिक प्लान के तहत भविष्य में सभी कनेक्टिविटी और सेवाओं को एक ही डैशबोर्ड पर लाया जाएगा। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेयरहाउसिंग, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क्स, इलेक्ट्रिक फ्रेट कॉरिडोर, ड्राइवरों के लिए इंटीग्रेटेड सुविधाएं और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में लॉजिस्टिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे खासकर टेक्सटाइल उद्योग सहित अन्य क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा।

सूरत में कई बड़े कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है

सूरत में इस समय कई बड़े कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इनमें बात करें तो इसमें बुलेट ट्रेन, मेट्रो रेल, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, रेलवे कॉरिडोर, नेशनल व स्टेट हाईवे, एक्सप्रेस-वे, आउटर रिंग रोड, पोर्ट और एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इन सभी प्रोजेक्ट्स से लॉजिस्टिक क्षेत्र के विकास को मजबूत आधार मिलेगा और शहर को एक राष्ट्रीय स्तर का लॉजिस्टिक हब बनने में मदद मिलेगी।

सूरत में तेजी से डेवलपमेंट के काम हो रहे हैं

सूरत म्युनिसिपल कमिश्नर शालिनी अग्रवाल के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से सूरत का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) बढ़ेगा और साथ ही लोगों के लिए रोजगार की नई संभावनाएं भी तैयार होंगी। उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार बड़े शहरों में लॉजिस्टिक डेवेलपमेंट के लिए लगातार प्रयासरत है और सूरत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

लोगों के स्किल बढ़ाने पर भी जोर

इस योजना का एक और अहम उद्देश्य लॉजिस्टिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का स्किल डेवेलपमेंट करना है। ड्राइवर सहित अन्य कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग और सुविधाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे कार्य कुशलता बढ़ेगी और उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति आसानी से मिल सकेगी।

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