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उपराष्ट्रपति चुनाव: सुदर्शन रेड्डी की हार! जानिए विपक्ष क्यों परिणामों को नैतिक जीत मान रहा है

भारत के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद उपराष्ट्रपति के चुनाव में लगभग 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ। सांसद वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे और मतदान एजेंट यह सुनिश्चित कर रहे थे कि सभी सदस्य वोट करें। इस पूरे चुनावी माहौल का समापन तब हुआ, जब NDA के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन प्रचंड बहुमत से जीते और देश के नए उपराष्ट्रपति बने। उन्होंने विपक्षी INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया।
चुनाव आयोग के अनुसार, संसद की कुल 788 सीटों में से 7 खाली थीं, इस प्रकार 781 सांसद वोट डालने के लिए योग्य थे। उनमें से 767 सांसदों ने मतदान किया और 752 मत वैध घोषित हुए। राधाकृष्णन को 452 मत मिले, जबकि रेड्डी को 300 मत मिले। विपक्ष का दावा है कि उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान किया, लेकिन गिनती में 15 मतों के अभाव ने क्रॉस वोटिंग की अटकलों को हवा दी।
परिणामों के बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी तरह से जीत का दावा करते दिखे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा कि, विपक्ष का 40% वोट शेयर एक नैतिक जीत है, जो 2022 से 14% अधिक है, जब NDA के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराया था।

तो NDA के नेताओं ने क्रॉस वोटिंग और अमान्य वोटों का मुद्दा उठाया। शिवसेना सांसद नरेश महास्के ने कहा कि, महाराष्ट्र के कुछ विपक्षी सांसदों ने NDA के उम्मीदवार को वोट दिया। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने दावा किया कि 14 विपक्षी सांसदों ने पाला बदलकर NDA को वोट दिया, जबकि 15 ने जानबूझकर अपने मतों को अमान्य कर दिया। उन्होंने कहा कि, 'राहुल गांधी की अंतरात्मा काम नहीं आई। वह NDA के पक्ष में चली गई और उनका गलत नैरेटिव टूट गया।' दूसरी ओर कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि, INDIA ब्लॉक के 12 मत अमान्य मिले, जबकि NDA के 3 मत अमान्य। जिसके कारण यह बहस शुरू हुई कि अगर NDA के अमान्य मतों को भी शामिल किया जाए तो विपक्ष के क्रॉस-वोटिंग का आंकड़ा 17 तक पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि, उपराष्ट्रपति चुनाव का दिन सामान्य चुनाव जितना ही उत्साही था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10:00 बजे सबसे पहले मतदान किया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और विपक्षी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मतदान किया।

मतदान करने के लिए सांसदों को लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ा और कई नेताओं ने 90 मिनट तक इंतजार करने की बात कही। प्रियंका गांधी, भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे लाइन में इंतजार करने के बाद मतदान किया। दोपहर तक 715 सांसदों ने मतदान कर दिया था और मतदान शाम 05:00 बजे पूरा हुआ। कुल 782 सांसदों में से 768 सांसदों ने मतदान किया। बीजू जनता दल (BJD) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) मतदान से दूर रहे।
इस चुनाव में सांसदों की उच्च स्तरीय भागीदारी दर्शाती है। साथ ही इसने संसद में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीवंतता और चुनाव के बाद उत्पन्न हुई राजनीतिक उथल-पुथल को भी उजागर किया, जिसमें क्रॉस वोटिंग और अमान्य मतपत्र चर्चा के मुख्य विषय बने।
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