टेक्सटाइल उद्योग के लिए सरकार का बड़ा कदम…सूरत, भीलवाड़ा समेत देश के पावरलूम उद्योग को बूस्ट करने की तैयारी में केंद्र

सर्वे के बाद सरकार को नई टेक्सटाइल नीति बनाने में मिलेगी मदद

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नई दिल्ली। सूरत समेत देश के पावरलूम यानी वीविंग उद्योग को केंद्र सरकार पावर देने की तैयारी कर रही है। बता दें कि गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु टेक्सटाइल हब के रूप में विख्यात है। गुजरात में सूरत, राजस्थान में भीलवाड़ा और तमिलनाडु का तिरुपुर ये वे प्रमुख जगह हैं जहां कपड़ा उद्योग पूरी दुनिया में फेमस है। इधर, पावरलूम (वीविंग) उद्योग को नई दिशा देने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए पावरलूम सर्वे की शुरुआत की है। यह सर्वे टेक्सटाइल मंत्रालय के प्रयास से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य उद्योग की वर्तमान स्थिति, तकनीकी जरूरतें, उत्पादन क्षमता और मौजूदा समस्याओं की गहराई से जानकारी लेकर भविष्य की नीति निर्धारण में उपयोग करना है। बता दें कि सूरत में 7 लाख पावरलूम इकाइयां हैं। वहीं, भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्योग में 350 अधिक पावरलूम इकाइयां छोटे-बड़े स्तर पर संचालित हो रही हैं, जो सूटिंग, डेनिम और रेडीमेड गारमेंट्स उत्पादन में सक्रिय हैं। लेकिन बीते वर्षों में बिजली दरों, तकनीकी पिछड़ापन, आयात प्रतिस्पर्धा और वित्तीय दबावों के चलते यह क्षेत्र संकट से जूझ रहा है। दुनिया में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अब यह महसूस किया जाने लगा है कि इस उद्योग को भी आधुनिकता प्रदान किया जाए। नए सिरे से इसमें आमूलचूल बदलाव किया जाए।

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पावरलूम को बढ़ावा देने की कवायद, सरकार सर्वे में ये पूछेगी

अब केंद्र सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। इसलिए एक सर्वे किया जा रहा है। डिजिटल सर्वे के जरिए वीविंग उद्योग संचालकों से जानकारी ली जाएगी कि उनके पास किस प्रकार की पावरलूम तकनीक है। उत्पादन की क्षमता क्या है। कितने श्रमिक कार्यरत हैं और उन्हें किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए क्यूआर कोड व गूगल फॉर्म के माध्यम से जवाब मांगे गए हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अगर सरकार योजनाएं बनाती है, तो विविंग उद्योग को बड़ा सहारा मिलेगा।

केंद्र सरकार करवा रही सर्वे

मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार देश में पावरलूम सेक्टर (वीविंग उद्योग) में लगी मशीनों का सर्वे करवा रही है। इस सर्वे के माध्यम से पुरानी हो चुकी टेक्नोलॉजी को बदलकर नई टेक्नोलॉजी लाना चाहती है। इसे लेकर एक गूगल शीट तैयार की है। उसके माध्यम से भीलवाड़ा के उद्यमियों से सर्वे रिपोर्ट मांग रहे है। यही काम पूरे देश में किया जाएगा। उद्यमी इसे सरकार की सकारात्मक पहल मान रही है।

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