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अश्विन ने बेन स्टोक्स पर निशाना साधा, कहा- अगर मैं कप्तान होता...

बेन स्टोक्स के हाथ मिलाने वाले विवाद पर आर. अश्विन ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर प्रतिक्रिया दी है। अश्विन ने कहा था, 'क्या आपने दोहरा मापदंड शब्द सुना है? वह पूरे दिन आपके गेंदबाजों का सामना कर रहे थे और अचानक जब वह शतक के करीब पहुंचे, तो आप आउट होना चाहते हैं? उन्हें ऐसा क्यों करना चाहिए?'
अश्विन ने कहा कि उन्होंने सुबह से आपके सभी गेंदबाजों का सामना किया और मैच ड्रॉ कराया। उन्होंने कड़ी मेहनत की, क्या आप चाहते हैं कि वह अपना शतक पूरा न करें? अगर मैं भारतीय कप्तान होता, तो पूरे 15 ओवर खेलता। गावस्कर ने भी कहा कि मैं उन्हें बल्लेबाजी जारी रखने और टीम को पूरे 15 ओवर मैदान पर बनाए रखने के लिए कहता।

आईसीसी के इस नियम को लेकर गंभीर और स्टोक्स आमने-सामने...
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट मैच में चोटिल हो गए थे। पहले दिन के खेल के दौरान ऋषभ पंत तेज़ गेंदबाज़ क्रिस वोक्स की एक गेंद पर रिवर्स स्वीप करना चाहते थे, इसी दौरान गेंद उनके दाहिने पैर में लग गई। पंत की चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। हालांकि, अगले दिन दर्द के बावजूद पंत ने बल्लेबाजी की और अपना अर्धशतक पूरा किया।
ऋषभ पंत विकेटकीपिंग करने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में इस मैच में ध्रुव जुरेल ने यह ज़िम्मेदारी संभाली। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जुरेल ने विकेटकीपिंग तो की, लेकिन वह इस मैच में बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने के पात्र नहीं थे। मौजूदा नियमों के तहत, अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है (आंख या सिर की चोट को छोड़कर), तो उसकी जगह आने वाला खिलाड़ी बल्लेबाजी या गेंदबाजी नहीं कर पाएगा। लेकिन अगर किसी खिलाड़ी को आंख या सिर में चोट लगती है, तो कन्कशन सब्सटीट्यूट का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने के योग्य हो।
ऋषभ पंत की चोट के बाद, आईसीसी के मौजूदा सब्सटीट्यूट नियमों को लेकर काफी चर्चा हुई है। भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी मैच के दौरान गंभीर रूप से घायल हो जाता है, तो टीम के पास उसके लिए एक सब्सटीट्यूट खिलाड़ी का विकल्प होना चाहिए। गंभीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अगर खिलाड़ी की चोट साफ़ दिखाई दे रही है, तो अंपायर और मैच रेफरी की मंज़ूरी से उसे बदला जाना चाहिए। यह ज़रूरी है कि मैच 10 बनाम 11 नहीं, बल्कि 11 बनाम 11 हो।'
दूसरी ओर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स, भारतीय कोच गौतम गंभीर के सब्सटीट्यूट नियम पर दिए गए बयान से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। स्टोक्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'चोटें क्रिकेट का हिस्सा हैं। अगर चोट लगने पर सब्सटीट्यूट खिलाड़ी को जगह दी जाती है, तो टीमें इसका गलत फ़ायदा उठा सकती हैं। अगर स्कैन में थोड़ी सी भी सूजन दिखाई देती है, तो खिलाड़ी को बदलने की मांग शुरू हो जाएगी। इसलिए, यह चर्चा बंद होनी चाहिए।'

गौतम गंभीर ने ऋषभ पंत के साहस की तारीफ़ की। गंभीर का मानना है कि ऋषभ पंत ने पैर में फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाज़ी करके एक मिसाल कायम की है। गंभीर ने कहा, 'पंत जैसे खिलाड़ी टीम की रीढ़ और पहचान होते हैं। फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाज़ी करना कोई आसान काम नहीं है। आने वाली पीढ़ियां इस बारे में बात करेंगी।' देश के प्रति इस जज्बे के लिए ऋषभ पंत को सलाम।
ध्रुव जुरेल ने इससे पहले लॉर्ड्स टेस्ट मैच में ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपिंग की थी। नियमों के अनुसार, जुरेल अभी भी बल्लेबाजी या गेंदबाजी के पात्र नहीं थे। लॉर्ड्स टेस्ट मैच में पंत उस समय चोटिल हो गए जब वह तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह की गेंद को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। गेंद पंत के बाएँ हाथ की तर्जनी उंगली पर लगी।
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