सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों का असर घारी पर भी…एक गोल्ड घारी की कीमत 1400 रुपये तक पहुंची…

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सूरत। सूरत में चंदी पड़वा या चांदनी पड़वा का त्योहार खास महत्व रखता है। लेकिन सोने-चांदी की बेहिसाब बढ़ती कीमत का असर इस पर भी देखा जा रहा है। चंदी पड़वा पर एक ऐसी मिठाई प्रचलन में जिस पर महंगाई का असर देखने को मिला है। इस मिठाई को घारी कहा जाता है। लेकिन यहां जिस घारी की बात की जा रही है, वह है गोल्ड घारी। इस बार गोल्ड घारी की कीमत में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसकी मुख्य वजह है सोने की कीमतों में उछाल। वर्तमान में जब 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 1 लाख 10 हजार रुपये चल रही है, तब इस बढ़ती सोने की कीमत का सीधा असर इस लग्जरी मिठाई पर देखने को मिल रहा है। गोल्ड घारी के एक पीस की कीमत 1400 रुपये तक पहुंच गई है, जो आम तौर पर किसी भी मिठाई के प्रति किलोग्राम भाव से भी दोगुनी है। सिर्फ गोल्ड घारी ही नहीं बल्कि सिल्वर घारी की कीमत भी 190 रुपये से बढ़कर 250 रुपये तक पहुंच गई है। बता दें कि सूरतवासी चंदी पड़वा के दिन करोड़ों की घारी खाते हैं। 

शरद पूर्णिमा के दिन यह पर्व मनाया जाता है

चंदी पड़वा सूरत में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। जिसमें लोग घारी और फरसाण खाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार शरद पूर्णिमा के एक दिन बाद आता है। 

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इस तरह तैयार किया जाता है प्रीमियम क्वालिट का गोल्ड घारी

बता दें कि गोल्ड घारी को देश की सबसे महंगी मिठाई बनाने में सिर्फ इसकी कीमत ही नहीं बल्कि इसकी प्रीमियम क्वालिटी और बनाने की विधि भी अहम है। इसे शुद्ध देसी घी से तैयार किया जाता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री प्रीमियम क्वालिटी की होती है। सामान्य घारी की तुलना में इसमें विशेष ड्रायफ्रूट्स डाले जाते हैं जो इसके स्वाद और पोषक तत्वों को कई गुना बढ़ा देते हैं। घारी के ऊपर शुद्ध खाद्य सोने का वर्क लगाया जाता है। यह वर्क न सिर्फ इसे चमकदार बनाता है बल्कि इसे लग्जरी फूड आइटम का दर्जा भी देता है। यही कारण है कि चांदनी पड़वा के दौरान गोल्ड घारी की मांग सबसे ज्यादा रहती है और यह सबसे महंगी मिठाई बन जाती है। इसकी मांग विदेशों में भी काफी रहती है।

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