दिवाली मनाने को लेकर संशय, कब मनाएं 20 या 21 अक्टूबर को? जानिए कौन सा दिन रहेगा उत्तम…

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नई दिल्ली। रोशनी का पर्व दीपावली में अब कुछ दिन ही शेष रह गए हैं। लेकिन दिवाली की तिथि को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन बना हुआ है। दिवाली 20 अक्टूबर को है या 21 अक्टूबर को। कई लोगों का मानना है कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाना चाहिए जबकि कुछ लोगों का कहना है कि 21 को मनाना बेहतर है। आइए जानते हैं कि इस बारे में ज्योतिषाचार्यों की क्या राय है। दिवाली का पर्व कार्तिक माह की अमावस्या की रात को मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या की रात में ही माता लक्ष्मी की पूजा होती है। कई ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि दिवाली 20 को ही मनाना उचित होगा, क्योंकि प्रदोष काल की अमावस्या 20 अक्टूबर को ही पड़ रही है। दीपावली में रात में ही पूजा करने की परंपरा है। अमावस्या 20 अक्टूबर से शुरू हो रही है और अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को यह करीब पौने चार बजे तक ही रहेगा। ऐसे में 20 अक्टूबर को दिवाली मनाना उचित रहेगा। हालांकि कुछ विद्वानों का अलग मत भी है। 

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अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का यह पर्व है

बता दें कि दिवाली का पर्व पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। हालांकि लोगों के मन में सवाल है कि दिवाली कब मनाएं। 20 अक्टूबर को या कि 21 अक्टूबर को? कैलेंडरों में भी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। विद्वानों का मानना है कि जिस तारीख पर सूर्यास्त के समय अमावस्या तिथि होती है, उसी दिन यह पर्व मनाना चाहिए। 

उदयातिथि देखकर मनाना वाला यह पर्व नहीं है

दीपावली अमावस्या तिथि की रात को मनाते हैं। अमावस्या तिथि का संपूर्ण प्रभाव 20 नवंबर को है, तो उस दिन दिवाली मनाना अधिक शुभ और फलदायी होगा। यह दिन देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उत्तम है। इसी दिन निशीथ काल मुहूर्त भी रहेगी। क्योंकि अगले दिन अर्थात 21 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि नहीं रहेगी। दरअसल, यह त्योहार उदयातिथि देखकर मनाया जाने वाला त्योहार नहीं है। प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि में ही दिवाली मनाते हैं जो कि 20 अक्टूबर को ही रहेगी।

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