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अब गुजरात में नकली IAS पकड़या, विसनगर में इनकम टैक्स रेड के नाम पर 21 लाख रुपये ठगे

विसनगर के कांसा गांव के पास रहने वाले कंस्ट्रक्शन व्यवसायी दिनेशभाई पटेल का ऑफिस मारुति प्लाजा मार्केट में है। 2024 में उनकी पहचान सूरत के जयंतीभाई हरगोवनभाई पटेल और उनके बेटे कौशिक से हुई थी। फोन पर बार-बार बातचीत और ऑफिस मुलाकातों के कारण उनके बीच गहरे संबंध बन गए थे। इस संबंध का फायदा उठाकर, पिता-पुत्र ने दिनेशभाई को बताया कि उन पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी है और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण केस लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने दिनेशभाई से मदद की गुहार लगाई और टुकड़ों में 21.65 लाख रुपये ठग लिए।
गांधीनगर सचिवालय की झूठी पहचान बताकर धोखाधड़ी
उसके बाद धोखाधड़ी करने वाले जयंती और कौशिक ने दिनेशभाई को बताया कि गांधीनगर सचिवालय में ऋषभ रेड्डी नाम के IAS अधिकारी उन्हें इस केस में मदद कर रहे हैं। इस ऋषभ रेड्डी (जो बाद में अर्पित पीयूषभाई शाह निकला) नाम के शख्स ने खुद को IAS होने की झूठी पहचान दी थी। उसने दिनेशभाई को अपने झूठे ऑफिस और गाड़ी के फोटो भेजकर विश्वास दिलाया था कि पिता-पुत्र इनकम टैक्स केस जीत जाएंगे और उनके पैसे वापस मिल जाएंगे।

चेक बाउंस और धमकियां
फरवरी 2025 में पैसे वापस करने का वादा करने के बाद जब दिनेशभाई ने पैसे वापस मांगे तो पिता-पुत्र ने टालमटोल शुरू कर दी। 28 फरवरी 2025 को उन्होंने दिनेशभाई को महिंद्रा थार गाड़ी का करारनामा दिया, लेकिन वह गाड़ी किसी और के नाम पर थी। उसके बाद, 13 मार्च 2025 को अर्पित पीयूषभाई शाह के नाम पर 25 लाख रुपये का चेक दिया, जो बैंक बैलेंस कम होने के कारण बाउंस हो गया। उसके बाद 19 लाख रुपये का एक और चेक कुरियर द्वारा भेजा गया जो कम बैलेंस के कारण वापस आ गया।
जब दिनेशभाई ने अपने पैसे वापस पाने के लिए दबाव बढ़ाया, तो पिता-पुत्र ने उन्हें जान से मारने की धमकियां देना शुरू कर दिया। उन्होंने सख्ती से कहा, "आपसे जो होता है कर लो, किस बात के पैसे, हम किसी से डरते नहीं हैं, हमारी पहुंच बहुत ऊपर तक है।" इस दौरान, ऋषभ रेड्डी (अर्पित शाह) भी इसमें शामिल हो गया। उसने दिनेशभाई को फोन पर बताया कि वे इनकम टैक्स केस जीत गए हैं और 500 करोड़ रुपये RBI में पड़े हैं, और अगर वे और पैसे नहीं देंगे तो उन्हें झूठे केस में फंसा देंगे। ये धमकियां देकर उसने अलग-अलग लेनदेन द्वारा दिनेशभाई से और 79,000 रुपये ठग लिए।

पुलिस शिकायत और गिरफ्तारी
इस पूरी धोखाधड़ी और धमकियों से तंग आकर दिनेशभाई ने विसनगर शहर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जयंती हरगोवनभाई पटेल, कौशिक जयंतीभाई पटेल (दोनों सूरत के रहने वाले), अर्पित पीयूषभाई शाह (अहमदाबाद का रहने वाला), और ऋषभ रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने कौशिक का बयान लिया, जिसमें उसने हकीकत कबूल की और दिनेशभाई को 21.65 लाख रुपये का चेक दिया, हालाँकि वह भी बाउंस हो गया।
हाल ही में विसनगर शहर पुलिस ने अहमदाबाद से अर्पित पीयूषभाई शाह को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने खुद को 'नकली IAS' अधिकारी बताकर दिनेशभाई के साथ धोखाधड़ी की थी। पुलिस की प्रारंभिक जाँच में पुष्टि हुई है कि अर्पित शाह ने ही झूठी पहचान बनाकर दिनेशभाई से पैसे ठगे थे। हालांकि, इस धोखाधड़ी के मामले में शामिल मुख्य आरोपी, पिता-पुत्र जयंती और कौशिक, अभी भी फरार हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए सघन जाँच और कार्रवाई कर रही है।
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