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तीन साल पहले शुरू हुआ रोजगार मेला युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा, अब तक 9.73 लाख लोगों को मिला रोजगार
पीएम मोदी ने 16वें रोजगार मेला में 51 हजार युवाओं को बांटे नियुक्ति पत्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया रोजगार मेला को करीब तीन साल पूरे होने वाले हैं। रोजगार मेला बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। युवाओं के कौशल के बदले उनको रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। शनिवार को 16वें रोजगार मेला में प्रधानमंत्री मोदी ने 51 हजार से ज्यादा युवाओं को जॉब लेटर बांटे गए। प्रधानमंत्री ने 22 अक्टूबर 2022 को रोजगार मेले की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा था कि हमारा लक्ष्य देश के युवाओं को 2023 के आखिर तक 10 लाख सरकारी नौकरियां देना था। नवंबर 2023 तक कुल 11 रोजगार मेलों में 7 लाख से ज्यादा युवाओं को जॉइनिंग लेटर दिए गए थे। अब तक 9.73 लाख युवाओं को रोजगार मिल चुका है। शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं का सामर्थ्य हमारे भारत के भविष्य के लिए सबसे बड़ी पूंजी और गारंटी है। हमारी सरकार इस पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में जुटी है। मोदी ने कहा कि दो दिन पहले ही 5 देशों की यात्रा से लौटा हूं। हर देश में भारत की युवा शक्ति की गूंज सुनाई दी। इस दौरान जो भी समझौते हुए हैं,उनसे युवाओं को फायदा होना ही है। कार्य कोई भी हो, पद कोई भी हो इलाका कोई भी है, एक ही ध्येय राष्ट्र सेवा। एक ही सूत्र नागरिक सेवा। आपकी इस नई यात्रा के लिए बहुत शुभकामनाएं।
देशभर में 47 स्थानों पर रोजगार मेले का आयोजन किया गया
बता दें कि शनिवार को रोजगार मेले का आयोजन देशभर में 47 स्थानों पर किया गया। पिछला रोजगार मेला 26 अप्रैल को आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री ने 22 अक्टूबर 2022 को रोजगार मेले का पहला फेज शुरू किया था। अब तक 9.73 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल चुका है। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का नौजवान तेज गति से आगे बढ़ रह हैं। वहीं, आज हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ये हमारे देश के नौजवानों का कमाल है। मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर को गति देने के लिए मिशन मेन्युफैक्चरिंग की घोषणा की गई है। सिर्फ पीएलआई से 11 लाख रोजगार बने हैं। इलेक्ट्रानिक सेक्टर का विस्तार हुआ है।
25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं
उन्होंने कहा कि ऐसी अनेक योजनाओं की वजह से 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। अब आप कल्पना कीजिए इनका आत्मविश्वास कितना होगा। वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं भारत को मॉडल की तरह पेश करती हैं। भारत की कम असमानता वाले शीर्ष देशों में रखा जा रहा है।
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