'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज अटकी, निर्माता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

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फिल्म 'उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर' की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब फिल्म के निर्माताओं ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को फिल्म की निर्धारित रिलीज से ठीक एक दिन पहले यह रोक लगाई थी, जिसके बाद निर्माता तत्काल राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच के सामने मामले की तत्काल सुनवाई का आग्रह किया। बेंच ने याचिका को एक या दो दिन के भीतर सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की है, जिससे इस मामले में जल्द सुनवाई की उम्मीद जगी है।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया था। याचिकाकर्ताओं ने अपनी अर्जियों में आरोप लगाया था कि फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का सकती है और मुस्लिम समुदाय की छवि को गलत तरीके से पेश कर सकती है, जिससे उनकी बदनामी हो सकती है।

याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा फिल्म को दिए गए प्रमाण पत्र के खिलाफ केंद्र सरकार के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जब तक केंद्र सरकार इस पुनरीक्षण याचिका पर कोई निर्णय नहीं ले लेती, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगी रहेगी।

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अब, फिल्म निर्माताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई होने की संभावना है, जिससे यह तय होगा कि फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' कब और किस शर्त पर रिलीज हो पाएगी। यह मामला अब न्यायिक प्रक्रिया के अगले चरण में पहुंच गया है।

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