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ऑपरेशन सिंदूर के बाद काशी के संतों ने देश की सेना को दिया आशीर्वाद और बधाई
बोले- सेना और सरकार के साथ हम मजबूती के साथ खड़े हैं

वाराणसी। भारत ने आखिरकार पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया। इस हमले के गुनहगारों को भारत ने मिट्टी में मिला दिया है। भारतीय सेना ने देर रात पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के नौ ठिकानों पर स्ट्राइक की। भारत के इस जवाबी कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है। 9 से ज्यादा आतंकी ठिकाने को नष्ट कर दिया गया है और कई आतंकी मारे गए हैं। इसे लेकर अब काशी के संत ने भारतीय सेना को आशीर्वाद और बधाई भी दी। दरअसल, पहलगाम में आतंकी हमले का करारा जवाब दिये जाने पर अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भारतीय सेना को आशीर्वाद दिया। संत समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों का समर्थन किया है। संत समाज ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे हर परिस्थिति में भारत सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और धर्म के लिए हम अपना कदम भी पीछे नहीं हटा सकते। सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि 1971 के बाद पहली बार भारतीय सेना, वायुसेना ने संयुक्त अभियान में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में संयुक्त रूप से काम किया है। पाकिस्तान को अब अच्छा सबक मिलेगा।
जब 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था
राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने और मुक्त बांग्लादेशी सरकार स्थापित करने के लिए भारत का सैन्य अभियान को भुलाया नहीं जा सकता हैं। भारतीय जांबाजों के पराक्रम के सामने 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने तब सरेंडर कर दिया था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में देश के 26 नागरिक मारे गए थे। इसके ठीक दो हफ्ते बाद भारत सरकार ने सैन्य कार्रवाई कर पाकिस्तान की सरजमीं पर दहशतगर्दों के ठिकानों को तबाह कर दिया। इस स्ट्राइक के बाद थल सेना, नौसेना और वायुसेना की 54 साल पुरानी संयुक्त सैन्य कार्रवाई की यादें ताजा हो गईं हैं।
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