बेटे अभिमन्यु ईश्वरन की लगातार अनदेखी से टूटा पिता का दिल, बोले- 'डेब्यू के लिए दिन नहीं...'

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दूसरा दौरा लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अभिमन्यु ईश्वरन का टेस्ट डेब्यू का सपना साकार नहीं हो पाया है। ऑस्ट्रेलिया के बाद, इंग्लैंड में भी अभिमन्यु पानी पिलाकर ही देश वापस लौटेंगे। घरेलू क्रिकेट में ढेर सारे रन बनाने के बावजूद अभिमन्यु पिछले 3 सालों से अपने डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं। वह हर विदेशी दौरे पर टीम के साथ जाते हैं और बिना खेले ही वापस लौट आते हैं। 15 से ज्यादा खिलाड़ी अभिमन्यु के सामने डेब्यू कर चुके हैं, लेकिन उनका इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। बेटे की लगातार अनदेखी से पिता का दिल भी टूट गया है। अभिमन्यु के पिता का कहना है कि वह अपने बेटे के टेस्ट डेब्यू के लिए दिनों को नहीं, बल्कि सालों को गिन रहे हैं।

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टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अभिमन्यु ईश्वरन के पिता ने कहा, "मैं अभिमन्यु के टेस्ट डेब्यू के लिए दिनों को नहीं, बल्कि सालों को गिन रहा हूं। अब तक 3 साल हो चुके हैं। एक खिलाड़ी का काम क्या होता है? यही न कि उसे रन बनाने होते हैं, है ना? अभिमन्यु ने यह काम करके भी दिखाया है। लोग कहते हैं कि इंडिया-ए के लिए खेलते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और इसी वजह से उन्हें टीम में जगह नहीं मिली है। चलिए मैं इसे सही मानता हूं। हालांकि, करुण नायर टीम में भी नहीं थे, जब अभिमन्यु ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ से पहले रन बनाए थे. दिलीप ट्रॉफी और ईरानी कप के लिए करुण का चयन भी नहीं हुआ था।"

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उन्होंने आगे कहा, "अभिमन्यु ने पिछले साल से अब तक लगभग 864 रन बनाए हैं। ऐसे में आप कैसे तुलना करेंगे? मुझे समझ नहीं आता। उन्होंने करुण नायर को मौका दिया। यह ठीक है, क्योंकि उन्होंने 800 से अधिक रन बनाए थे। उन्होंने ज्यादा रन बनाए थे। सेलेक्टर्स ने उन पर विश्वास दिखाया। मेरा बेटा थोड़ा डिप्रेशन में नज़र आता है, लेकिन ऐसा तो होना ही था। कुछ खिलाड़ी अपने आईपीएल प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट टीम में जगह बना लेते हैं। आईपीएल प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट टीम में चयन नहीं होना चाहिए। रणजी ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए टेस्ट टीम में चयन होना चाहिए।"

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