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काशी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, बोले- सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने की इच्छा थी, पर भक्तों को दिक्कत न हो, इसलिए यहीं से प्रणाम करता हूं

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। यहां से उन्होंने देशभर के 9.7 करोड़ किसानों के लिए सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत 20,500 करोड़ रुपए जारी किए। इसके साथ ही उन्होंने 2200 करोड़ रुपए के 52 प्रोजेक्ट लॉन्च किए। प्रधानमंत्री मोदी ने काशी के दालमंडी प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखी। इससे काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए एक और रास्ता तैयार होगा। इस दौरान पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कहा कि मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने के लिए जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ है। ये महादेव के आशीर्वाद से ही पूरा हुआ है। मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उनके चरणों में समर्पित करता हूं। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री का काशी आगमन हुआ है। प्रधानमंत्री की जनसभा में काली शर्ट पहनकर आए लोगों को सभा स्थल से बाहर भेज दिया गया। पीएम मोदी 2 घंटे वाराणसी में रहेंगे।
जलाभिषेक करने निकले भक्तों का समूह कितना मनोरम होता है
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों काशी में गंगाजल लेकर जाते हुए शिव भक्तों की तस्वीरें देखने को मिलती हैं। खासकर सावन के पहले सोमवार को जब हमारे बंधु बाबा का जलाभिषेक करने निकले तो उनका समूह कितना मनोरम होता है। डमरू की आवाज गलियों में कोलाहल की अद्भुत भाव प्रकट करता है। मेरी भी बहुत इच्छा थी कि सावन में बाबा विश्वनाथ और मार्कण्डेय महादेव के दर्शन करूं, लेकिन मेरे वहां जाने से महादेव के भक्तों को असुविधा न हो, इसलिए मैं आज यहीं से भोलेनाथ और मां गंगा को प्रणाम कर रहा हूं।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता महादेव के चरणों में समर्पित करता हूं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूं। जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला हुआ था। 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनके परिवार की पीड़ा, उन बेटियों की वेदना...मेरा हृदय बहुत तकलीफ से भर गया। तब मैं बाबा विश्वनाथ से यही मना रहा था कि सभी पीड़ित परिवार को यह दुख सहने की हिम्मत दें। मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने के लिए जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ है। ये महादेव के आशीर्वाद से ही पूरा हुआ है। मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उनके चरणों में समर्पित करता हूं।
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