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गांधी-सरदार और मोदी-शाह की जोड़ी गुजरात की धरती का गौरव है।

(उत्कर्ष पटेल)
भारत के राजनीतिक इतिहास में गुजरात ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। गुजरात ने देश को ऐसे महान नेता दिए हैं जिनकी जोड़ियों ने न केवल भारतीय राजनीति को नई दिशा दी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देश का गौरव बढ़ाया। ऐसी ही दो असाधारण जोड़ियां हैं महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह। ये दोनों जोड़ियां गुजरात की धरती की उपज हैं और इन नेताओं ने अपनी दूरदर्शिता, समर्पण और नेतृत्व से भारत के इतिहास को नया आयाम दिया है।
गांधी-सरदार: स्वतंत्रता के स्तंभ:
महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की जोड़ी भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव बनी। राष्ट्रपिता कहे जाने वाले गांधीजी ने अहिंसा और सत्याग्रह के रास्ते से देश को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में दांडी नमक सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे आंदोलनों ने ब्रिटिश सरकार की नींव हिला दी थी। गांधीजी की विचारधारा और सादगी ने लाखों भारतीयों को एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।
दूसरी ओर, 'लौह पुरुष' के नाम से मशहूर सरदार वल्लभभाई पटेल ने गांधीजी के विचारों को व्यावहारिक रूप दिया। सरदार पटेल ने खेड़ा सत्याग्रह और बारडोली सत्याग्रह जैसे आंदोलनों के जरिए किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 562 देशी रियासतों का भारत में विलय था, जिसके जरिए उन्होंने आधुनिक भारत का एकीकृत नक्शा तैयार किया। गांधीजी की आदर्शवादी दृष्टि और सरदार की व्यावहारिक नीतियों का मेल इतना शक्तिशाली था कि इसने देश से ब्रिटिश शासन को खदेड़ने और भारत को एक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में सफलता हासिल की।
इस जोड़ी की खास बात यह थी कि गांधीजी और सरदार एक-दूसरे की ताकत के पूरक थे। जहां गांधीजी ने लोगों का दिल जीता, वहीं सरदार ने व्यावहारिक नीतियों और कड़े फैसलों के जरिए देश की एकता सुनिश्चित की। गुजरात की धरती से निकले इन दोनों नेताओं ने देश को एक नया भविष्य दिया, जो गुजरातियों के लिए बेहद गर्व की बात है।
मोदी-शाह: आधुनिक भारत के निर्माता:
आज के दौर में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय लिख रही है। 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य का नेतृत्व करने वाले नरेंद्र मोदी ने गुजरात को विकास का मॉडल बनाया। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देकर देश के विकास की नई दिशा तय की। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने भारत को एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में उभरने में मदद की। उनकी वैश्विक नेतृत्व शैली ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत स्थान दिलाया।
राजनीतिक रणनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के विजन को हकीकत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने, आतंकवाद से लड़ने और राष्ट्रीय एकता के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए। अनुच्छेद 370 को खत्म करना, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और समान नागरिक संहिता जैसे कदमों ने उनकी दूरदर्शी नीतियों की झलक दिखाई। शाह की रणनीतियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को देश के राजनीतिक मानचित्र पर एक मजबूत ताकत के रूप में स्थापित किया।
इस जोड़ी की खासियत यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का लोगों से जुड़ाव और शाह की संगठनात्मक क्षमता एक दूसरे के पूरक हैं। प्रधानमंत्री मोदी जहां लोगों के दिलों में जगह बनाते हैं, वहीं शाह पार्टी की रणनीतियों और चुनावों में जीत का नेतृत्व करते हैं। इस जोड़ी ने गुजरात के विकास मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाकर भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद की।
गुजरात का गौरव:
गांधी-सरदार और मोदी-शाह की जोड़ी गुजरात की धरती का गौरव है। इन दोनों जोड़ियों में समानता यह है कि उन्होंने अपने समय की चुनौतियों का सामना करते हुए देश को एक नई दिशा दी। गांधी-सरदार ने आजादी और एकता की नींव रखी तो मोदी-शाह ने आधुनिक भारत के विकास और सुरक्षा को मजबूत किया। इन दोनों जोड़ियों ने गुजरात की संस्कृति, कार्यशैली और विजन को दुनिया के सामने पेश किया।
गुजरातियों के लिए यह गर्व की बात है कि इन नेताओं ने गुजरात का नाम न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोशन किया है। इन जोड़ों की सफलता हर गुजराती को प्रेरणा देती है कि समर्पण, निष्ठा और दूरदर्शिता के माध्यम से किसी भी चुनौती पर विजय प्राप्त की जा सकती है। आज गुजरात की धरती इन नेताओं के योगदान के कारण दुनिया में एक सम्मानित स्थान रखती है और यह गौरव दुनिया भर के गुजरातियों के दिलों में है।
(लेखक एक प्रतिष्ठित उद्यमी और समाज सेवक हैं। लेख में व्यक्त किये गये विचार उनके निजी विचार हैं। )