Nilesh Parmar

गर्भावस्था उत्सव है: सना खान और डॉ. दीप्ति पटेल का माताओं के लिए सशक्त संदेश

सूरत – पूर्व अभिनेत्री और वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाली सना खान ने सूरत की जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति पटेल के साथ एक मार्मिक संवाद किया। इस बातचीत में गर्भावस्था के भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक पहलुओं...
जीवन शैली 

'यह मेरे लिए बहुत निजी बात है..', सचिन ने कोहली के रिटायरमेंट पर 12 साल पुराने गले के धागे का किया जिक्र

विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनके इस फैसले के बाद कई बड़े सितारों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। इस बीच सचिन तेंदुलकर का पोस्ट वायरल हो रहा है। सचिन तेंदुलकर जब टेस्ट क्रिकेट से...
खेल 

माँ की ममता की बात तो सब करते हैं पर पिता के त्याग की बात कोई नहीं करता

(उत्कर्ष पटेल) माँ की ममता की बात तो सब करते हैं पर पिता के त्याग की बात कोई नहीं करता। माँ का प्यार एक सागर की तरह होता है जिसकी गहराई और विशालता हर कोई देखता है। पर पिता का...
ओपिनियन 

गुजराती में ईमानदार पत्रकारिता के 10 साल पूरे कर Khabarchhe.com का अब विस्तार

Khabarchhe.com की शुरुआत 1 मई 2014 को हुई थी — एक ऐसे समय में जब डिजिटल पत्रकारिता भारत में नवजात अवस्था में थी। हर जगह सनसनी थी, लेकिन सच्चाई कहीं कोने में थी। Khabarchhe.comने शुरुआत से ही तय किया — हम आवाज़ तब ही उठाएंगे जब वो ज़रूरी हो, और जब उठे तो बिना डर के उठे। पोर्टल के संस्थापक-संपादक उत्कर्ष पटेल ने कहा ,“ हमारे पास ना कोई बड़ा फंड था, ना कोई बड़े नाम। सिर्फ एक चीज़ थी – सच्ची, ईमानदार पत्रकारिता पर विश्वास. हमने हर पाठक को ईमानदारी से जोड़ा – यही हमारी असली कमाई है।” पिछले 10 सालों में Khabarchhe.comने कभी शॉर्टकट नहीं लिया। राजनीतिक दबाव झेला, मार्केट की बेरुखी देखी, लेकिन कभी नैतिकता से समझौता नहीं किया। जहां ज़्यादातर पोर्टल्स वायरल होने की दौड़ में सच्चाई खो बैठे, Khabarchhe.comने विश्वसनीयता से रिश्ता जोड़े रखा। आज Khabarchhe.com न सिर्फ अपना अस्तित्व बचाये हुए है, बल्कि अब विस्तार की तैयारी में है। जल्द ही लॉन्च होंगे हिंदी और अंग्रेज़ी पोर्टल्स, जो गुजरात और गुजरात के हित की बात को देश और विदेश में सुनाएंगे और साथ ही आएगा हाइपरलोकल न्यूज़ सेगमेंट – आपके शहर, आपके गली की खबर अब आपके मोबाइल पर।
राष्ट्रीय  

106वां संविधान संशोधन और महिलाओं के लिए इसका मतलब

[Parishi Virani] क्या आपने कभी भारत की संसद को देखकर सोचा है की वहां महिलाएं कहाँ हैं? दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक होते हुए भी, भारत में राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हमेशा कम रहा है। लेकिन...
ओपिनियन