जून से फिर शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानिए क्या है रूट और कितने लोग हुए चयनित

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भोलेनाथ के भक्त सालों से कैलाश मानसरोवर जाने और शिव दर्शन का इंतजार कर रहे थे, हालांकि अब ये इंतजार खत्म हो गया है।  पांच साल के लंबे समय के बाद इस साल जून से तीर्थयात्री एक बार फिर कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रवाना होंगे। इस महत्वपूर्ण पहल की घोषणा विदेश मंत्रालय ने की, जहां लॉट्री सिस्टम के माध्यम से यात्रियों के नामों की घोषणा की गई। यह यात्रा जो 2019 में कोविड-19 महामारी और भारत-चीन संबंधों के खराब होने के कारण बंद हो गई थी, अब एक बार फिर से शुरू होने जा रही है।

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि जून से अगस्त के बीच 50-50 यात्रियों का कुल 15 जत्था मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना होगा। इनमें से पांच जत्थे लिपुलेख रूट से और 10 जत्थे नाथु ला रूट से रवाना होंगे। दोनों मार्गों को काफी हद तक वाहनों के लिए तैयार किया गया है, जिससे यात्रियों को पैदल चलने की आवश्यकता बहुत कम होगी। 

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यात्रियों के चयन के लिए एक पारदर्शी और कंप्यूटर-आधारित लॉट्री प्रणाली का उपयोग किया गया। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और चयनित यात्रियों के नामों की घोषणा की। इस साल कुल 5561 यात्रियों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं शामिल थीं। इनमें से 750 यात्रियों का चयन किया गया है, जो इस पवित्र यात्रा में जाएंगे बनेंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2019 में बंद हो गई थी, जब कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की घुसपैठ के कारण भारत-चीन के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि, अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में इस यात्रा को फिर से शुरू करने की सहमति बनी। 

कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से शुरू होना हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक यात्रा  है, क्योंकि यह यात्रा माउंट कैलाश और मानसरोवर झील जैसे पवित्र स्थलों की ओर ले जाती है। यह न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि भारत और चीन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है।

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