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अमरनाथ यात्रा शुरू: पहला जत्था रवाना, श्रद्धालुओं में दिखा जोश, हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए रवाना हुए
बाबा अमरनाथ की पहली आरती हुई, अब तक साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन

पहलगाम। इस साल की अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। पहला जत्था बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से रवाना हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला। श्रद्धालु इस दौरान ‘हर-हर महादेव' और ‘बम बम भोले' के जयकारे लगाते हुए अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए रवाना हुए। गुरुवार सुबह बाबा अमरनाथ की पहली आरती की गई। अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। लंगर की सुविधा भी उपलब्ध है। बता दें कि बुधवार को पहला जत्था 5,892 श्रद्धालुओं का जम्मू के भगवती नगर कैंप से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रवाना किया था। ये लोग दोपहर में कश्मीर पहुंचे, जहां प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार यहां की व्यवस्था बहुत अच्छी है। बिना सही दस्तावेज और वैध पहचान पत्र के किसी को भी यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है।
9 अगस्त रक्षा बंधन के दिन होगा यात्रा का समापन
बता दें कि यह यात्रा 38 दिन तक चलने वाली है। यात्रा का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूटों से इस बार हो रही है। अब तक साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे। तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं। ये सेंटर रोज दो हजार श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। इस बार किसी अनहोनी को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह जवान तैनात किए गए हैं।
कौन सा रूट कितना आसान और कितना मुश्किल
पहले रूट की बात करें तो पहलगाम रूट से गुफा तक पहुंचा जा सकता है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। वहीं, दूसरा रूट बालटाल के रास्ते से है। बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।
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