राज ठाकरे का सरकार से अपील- पहली कक्षा से महाराष्ट्र में सिर्फ मराठी और इंग्लिश पढ़ाई जाए

हिंदी अनिवार्य नहीं करें, नहीं तो जनता के साथ करेंगे आंदोलन

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मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एक बार फिर से भाषा का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि पहली कक्षा से बच्चों को सिर्फ मराठी और इंग्लिश पढ़ाई जाए, हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाए। उन्होंने इसके लिए महाराष्ट्र सरकार से अपील की है। उन्होंने सरकार से कहा कि जल्द से जल्द इसके लिए लिखित में आदेश जारी किया जाए। इसमें ये सारी बातें स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए। वहीं, उन्होंने अपना रुख साफ करते हुए लिखा कि सरकार ने पहले तीन भाषाएं पढ़ाने का फैसला लिया था और अब हिंदी की किताबें छप भी गई हैं। अगर सरकार अब फिर से हिंदी को जरूरी करती है, तो हमारी पार्टी आंदोलन करेगी। हालांकि उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता है कि ऐसा कोई प्लान है। लेकिन अगर ऐसा कुछ होता है तो हम आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि एमएनएस के आंदोलन की जिम्मेदारी सरकार की होगी। राज ठाकरे ने आगे कहा कि देश के कई राज्यों ने पहली कक्षा से सिर्फ दो भाषाएं ही रखी हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र में 16 अप्रैल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का फैसला लिया गया था, इसके तहत राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया था।

कई राज्यों में हिंदी को अनिवार्य करने का चल रहा है विरोध

इधर, राज्य में कई संगठन और राजनीतिक दलों ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया। इसके चलते राज्य सरकार ने 22 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने का अपना निर्णय वापस ले लिया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि विद्यार्थी तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी।

राज ठाकरे बोले- हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है

राज ठाकरे ने कहा कि लोगों में गुस्सा बहुत ज्यादा था। तब सरकार ने यह घोषणा कर दी कि हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि असल में, हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। यह सिर्फ देश के दूसरे राज्यों में बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसे सीखना अनिवार्य करने पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा था? यह समझ में नहीं आता कि सरकार किस दबाव में आकर डगमगा रही थी। लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि पहली कक्षा से बच्चों को तीन भाषाएं सीखने के लिए क्यों मजबूर किया जाए? राज ठाकरे ने पूछा कि जब सरकार ने कहा था कि हिंदी जरूरी नहीं होगी, तो अब तक उसका ऑर्डर क्यों नहीं निकाला गया? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया, तो जनता के साथ मिलकर विरोध करेंगे।

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