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बिहार की गाली पॉलिटिक्स: मोदी बोले- ये सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं, पूरे देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है

पटना। ‘बिहार में कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं ये देश की मां-बहन, बेटी का अपमान है। इस घटना की जितनी पीड़ा मेरे दिल में है उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों के दिल में भी है। मैं आपसे अपना दुख साझा कर रहा हूं। ताकि मैं इस पीड़ा को झेल पाऊं।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें बिहार राज्या जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड के शुभारंभ के मौके पर कहा। वे वर्चुअली इस कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि बिहार में कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में वोटर अधिकारी यात्रा निकाल कई जिलों में पहुंचे और लोगों से संपर्क किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया। राहुल गांधी की बिहार यात्रा के दौरान ही एक मंच से गाली दी गई थी, इससे बिहार की राजनीति गरमा गई। भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता इसके बाद सड़कों पर ही भिड़ गए थे।
मेरी मां ने मुझे आप सबकी सेवा के लिए भेजा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं गरीब परिवार से हूं। समाज और देश की सेवा में लगा हूं। मैंने हर दिन हर क्षण अपने देश के लिए, देशवासियों के लिए मेहनत की। इसमें मेरी मां का आशीर्वाद है। मुझे जन्म देने वाली मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया था। पीएम ने कहा, 'मुझे आज इस बात की पीड़ा है। मां ने मुझे देश सेवा के लिए रवाना किया था। हर मां चाहती है कि बेटा बड़ा हो। मेरे लिए कुछ करे। मेरी मां ने ऐसा नहीं सोचा। उन्होंने मुझे आपके लिए भेजा।'
मां एक-एक पैसा बचाती थी, ताकि बच्चों के लिए कपड़े खरीद सके
बारिश का मौसम आते ही मां घर को सही करवाती थी, ताकि छत ना टपके। मां बीमार हो फिर भी पता नहीं चलने देती थी। काम करती रहती थी। काम पर जाती थी। मां कभी कठिनाइयों का पता नहीं चलने नहीं देती थी। वो अपने लिए कभी कोई नई साड़ी नहीं खरीदती थी। एक-एक पैसा बचाती थी ताकि बच्चों के लिए कपड़े बनवा ले।
मां का स्थान देवी-देवताओं से ऊपर माना जाता है
मां का स्थान देवी-देवताओं से ऊपर माना जाता है। बिहार के ही संस्कार हैं। माई के स्थान देवता से भी ऊपर होवेला। ये गालियां करोड़ों माताओं-बहनों को दी गई। ये शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज इस पीड़ा को नहीं समझ सकते हैं। ये नामदार लोग सोने-चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। ये बिहार के लोग और सत्ता को अपनी विरासत समझते हैं। इन्हें लगता है कुर्सी इन्हें ही मिलनी चाहिए। आपने एक गरीब मां के बेटे को इस लायक बना दिया ये बात नामदारों को पच नहीं रही है।
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