टेक्सटाइल उद्योग में निवेशकों की रुचि देख सरकार ने पीएलआई योजना की तारीख बढ़ाई

अब 30 सितंबर 2025 तक कर सकेंगे आवेदन

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार अमेरिकी टैरिफ के बाद कपड़ा उद्योग को मजबूत प्रदान करने के लिए लगातार कवायद कर रही है। 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद सबसे बड़ा झटका टेक्सटाइल और डायमंड इंडस्ट्री को ही लगा है। अब सरकार का इस ओर विशेष फोकस है। इधर, केंद्र ने गारमेंट इंडस्ट्री को एक और बड़ी राहत दी है। बता दें कि वस्त्र क्षेत्र के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि अब 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है। सरकार ने यह निर्णय उद्योग जगत से मिले मजबूत और उत्साहजनक प्रतिसाद को देखते हुए लिया है।

वस्त्र मंत्रालय ने बताया कि हाल ही में अगस्त में आमंत्रित किए गए आवेदन के दौरान मैनमेड फाइबर (एमएमएफ) अपैरल, फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल्स क्षेत्र से 22 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि सरकार संभावित निवेशकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए एक और अवसर प्रदान कर रही है।

पीएलआई योजना ने वस्त्र निर्माण क्षेत्र में भरोसा बढ़ाया

मंत्रालय के अनुसार, यह कदम टेक्सटइल उद्योग में निवेश करने की इच्छा और बढ़ते बाजार के चलते उठाया गया है। पीएलआई योजना ने वस्त्र निर्माण क्षेत्र में भरोसा बढ़ाया है, जिससे घरेलू स्तर पर उत्पादन को गति मिली है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आवेदन की समयसीमा समाप्त होने के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब तक इस योजना के तहत 74 कंपनियों का चयन किया गया है, जिन्होंने कुल 28,711 करोड़ रुपये के निवेश आश्वासन दिया है। इन निवेशों से मैनमेड फाइबर वैल्यू चेन के विभिन्न चरणों में वस्त्र उत्पादों का निर्माण होगा।

मंत्रालय ने ये कहा

वस्त्र मंत्रालय ने कहा कि आवेदन प्रक्रिया उन्हीं शर्तों और नियमों पर आधारित होगी जो 24 सितंबर 2021 को अधिसूचित पीएलआई वस्त्र योजना और 28 दिसंबर 2021 को जारी दिशा-निर्देशों में निर्धारित किए गए थे। समय-समय पर संशोधित नियम भी लागू रहेंगे।

इस पोर्टल से कर सकते हैं आवेदन

इस योजना के तहत आवेदन उसी ऑनलाइन पोर्टल https://pli.texmin.gov.in पर किए जा सकते हैं। पोर्टल 30 सितंबर 2025 तक खुला रहेगा। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि आवेदन की तिथि बढ़ने से अधिक कंपनियां इसमें शामिल हो सकेंगी और वस्त्र क्षेत्र में निवेश को नई दिशा मिलेगी। साथ ही, भारत वैश्विक वस्त्र बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगा।

सरकार का यह है उद्देश्य

सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना के जरिए देश में आधुनिक तकनीक पर आधारित वस्त्र उत्पादन बढ़ाया जाए और रोजगार के नए अवसर सृजित हों। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मेक इन इंडिया" विजन के अनुरूप है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती देगा।

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