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सूरत के रक्षक: अनुपम सिंह गहलोत - एक सच्चे रक्षक जो सूरतवासियों का परिवार के सदस्य की तरह ख्याल रखते हैं

(उत्कर्ष पटेल)
गुजरात के आर्थिक हृदय और हीरों के शहर के रूप में विख्यात सूरत शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक ऐसे व्यक्तित्व के हाथों में है जो नागरिकों की देखभाल एक परिवार के सदस्य की तरह करता है और अपराधियों के प्रति बेहद सख्त रुख अपनाता है। यह शख्स हैं सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत, जिनका नाम आज शहर के हर नागरिक के दिल में विश्वास और सम्मान का प्रतीक बन रहा है। 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुपम सिंह गहलोत ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल सूरत को सुरक्षित बनाया है, बल्कि पुलिस और नागरिकों के बीच एक संवेदनशील पुल भी बनाया है।
सौम्य एवं मिलनसार स्वभाव का प्रतीक
अनुपम सिंह गहलोत का सौम्य और मिलनसार स्वभाव नागरिकों को उनके करीब लाता है। वह सिर्फ एक पुलिस अधिकारी नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सूरत के निवासियों की समस्याओं को सुनते हैं, उनकी चिंताओं को समझते हैं और उन्हें हल करने का प्रयास करते हैं। नवरात्रि जैसे त्यौहारों के दौरान वे पुलिस परिवार के साथ नजर आते हैं, जिससे पता चलता है कि वे अपनी टीम और नागरिकों से कितनी निकटता से जुड़े हुए हैं। यह मित्रता यह विश्वास पैदा करती है कि सूरत की सुरक्षा उन हाथों में है जो शहर के हर व्यक्ति की परवाह करते हैं।
अपराधियों के प्रति अत्यधिक सख्त रवैया
एक तरफ अनुपम सिंह गहलोत नागरिकों के लिए परिवार के सदस्य की तरह हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपराधियों के लिए वे एक ऐसे अधिकारी हैं जिनके खिलाफ अपराध करने की हिम्मत करना मुश्किल हो जाता है। उनका "कोई समझौता न करने" का रवैया सूरत में अपराध के ग्राफ को नीचे लाने में सफल रहा है। नशीले पदार्थों के खिलाफ उनका “सूरत शहर में नशा निषेध” अभियान इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। इस अभियान के तहत सूरत पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी में शामिल कई अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उनकी इस सख्त नीति से अपराधियों को स्पष्ट संदेश जाता है कि सूरत में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है।
कानून की सीमाओं में रहने का संदेश
अनुपम सिंह गहलोत का व्यक्तित्व एक ऐसा उदाहरण है जो कानून की सीमाओं के भीतर न्याय स्थापित करने की प्रेरणा देता है। वे पुलिस बल को लगातार निर्देश देते रहते हैं कि कानून सर्वोच्च है और इसका पालन करना सभी का कर्तव्य है। इस नीति के कारण सूरत पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहती है। उन्होंने सामूहिक बलात्कार या डकैती जैसे गंभीर अपराधों के मामलों में भी त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई के माध्यम से न्याय सुनिश्चित किया है। उदाहरण के लिए सूरत के पुणे इलाके में हुए सामूहिक बलात्कार की घटना में उन्होंने मात्र 26 दिन में 2053 पृष्ठों की चार्जशीट पेश कर पुलिस की कार्यकुशलता को साबित कर दिया।
पुलिस और नागरिकों के बीच संवेदनशील समन्वय
सूरत पुलिस की विशेषता यह है कि वह नागरिकों के साथ संवेदनशील रिश्ता बनाए रखती है। अनुपम सिंह गहलोत के नेतृत्व में पुलिस नागरिकों की सेवा और सुरक्षा के लिए समर्पित रही है। आत्महत्या जैसे संवेदनशील मामले में भी सूरत पुलिस ने डेढ़ साल में 49 लोगों को बचाकर मानवता की मिसाल कायम की है। इसके अलावा, त्योहारों के दौरान शहर की सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत रहती है कि नागरिक निश्चिंत होकर इसका आनंद ले सकते हैं। इस समन्वय का परिणाम यह है कि सूरत की जनता का पुलिस पर पूरा भरोसा है।
शहर की सुरक्षा विश्वसनीय हाथों में
अनुपम सिंह गहलोत के कार्यकाल में सूरत ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इच्छापोर पुलिस स्टेशन देश का सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन बन गया, जो उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। नागरिकों का विश्वास है कि उनकी सुरक्षा ऐसे व्यक्ति के हाथों में है जो न्याय और मानवता के बीच संतुलन बना सके। उनकी नीतियों और कार्यशैली ने सूरत को एक आदर्श शहर के रूप में स्थापित किया है जहां अपराध नियंत्रित है और नागरिकों का जीवन खुशहाल और सुरक्षित है।
अनुपम सिंह गहलोत ऐसे ही एक अधिकारी हैं जिन्होंने सूरत को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस व्यवस्था को पूरी तरह से चौकस रखा है। उनका सौम्य रवैया, सख्त नीतियां और कानून के प्रति प्रतिबद्धता सूरत को देश के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक बनाती है। सूरतवासी आज पूर्ण विश्वास के साथ महसूस कर सकते हैं कि उनकी सुरक्षा एक रक्षक के हाथों में है जो परिवार की तरह अपना कर्तव्य निभाता है।
(लेखक khabarchhe.com के संस्थापक हैं)
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