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योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला: उत्तर प्रदेश में अग्निवीरों को मिलेगा 20 प्रतिशत आरक्षण

यूपी सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिए, जो प्रदेश के युवाओं, किसानों, उद्यमियों, पर्यटकों और गरीब वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कुल 11 प्रस्तावों में से 10 को मंजूरी मिली। इसमें सबसे अहम फैसला पूर्व अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में समायोजित करने से जुड़ा है।, जिसके तहत यूपी पुलिस और अन्य सेवाओं में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया।
अग्निवीरों के लिए 20% आरक्षण और आयु में छूट
कैबिनेट बैठक का सबसे बड़ा फैसला पूर्व अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी), घुड़सवार दस्ते और फायरमैन की सीधी भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का रहा। इसके साथ ही इन युवाओं को भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्षों की छूट भी दी जाएगी। यह निर्णय 'अग्निपथ योजना' से सेवा के उपरांत लौटने वाले युवाओं के पुनः समायोजन और भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस योजना के तहत अग्निवीर देश की रक्षा में योगदान देते हैं, और अब यूपी सरकार ने उनके लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।

ODOP 2.0 योजना को मंजूरी
राज्य की लोकप्रिय ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ODOP) योजना को और सशक्त करते हुए ODOP 2.0 को हरी झंडी दी गई। इस योजना का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसके तहत उत्पादों में नवाचार और संशोधन पर जोर दिया जाएगा, जिससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने में भी मदद करेगा।
यूपी B&B और होमस्टे नीति 2025
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 'यूपी बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025' को मंजूरी दी। इस नीति का लक्ष्य धार्मिक और पर्यटकीय स्थलों पर आने वाले पर्यटकों को सस्ती, सुलभ और सुरक्षित आवास सुविधाएं प्रदान करना है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अपने घर के 1 से 6 कमरे और अधिकतम 12 बेड तक की इकाई को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करा सकता है। पर्यटक इन होमस्टे में अधिकतम 7 दिनों तक ठहर सकते हैं, और आवश्यकता पड़ने पर ठहरने की अवधि को रिन्यूअल भी कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण के लिए नाममात्र शुल्क 500 से 750 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 2000 रुपये तय किया गया है। पंजीकरण की प्रक्रिया जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाली एक समिति के माध्यम से होगी।

अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए सरकार ने ‘अन्नपूर्णा भवनों’ के निर्माण को स्वीकृति दी। ये भवन राशन वितरण में पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करेंगे। इनका निर्माण मनरेगा, सांसद/विधायक निधि, बुंदेलखंड/पूर्वांचल विकास निधि जैसी योजनाओं के माध्यम से किया जाएगा। जहां अन्य योजनाओं से धन नहीं मिलेगा, वहां खाद्य एवं रसद विभाग अपनी बचत से निर्माण कराएगा। प्रत्येक जनपद में 75 से 100 भवन प्रति वर्ष निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है।
डाटा सेंटर नीति में संशोधन
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ने ST टेलीमीडिया ग्लोबल डाटा सेंटर्स इंडिया प्रा. लि. को दो ग्रिड लाइनों से बिजली आपूर्ति की अनुमति दी। यह निर्णय प्रदेश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाएगा।
शिक्षा क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण फैसले
अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी।
गाजियाबाद में अजय कुमार गर्ग विश्वविद्यालय को निजी क्षेत्र में खोलने की अनुमति।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय (सिद्धार्थनगर) के भवन निर्माण के पुनरीक्षित प्रस्ताव को स्वीकृति।
उद्योगों को प्रोत्साहन
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 5 मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन देने का फैसला किया। इसमें हल्दीराम स्नैक्स, SLMG बेवरेज, सिल्वर्टन पल्प एंड पेपर, ACC लिमिटेड, वंडर सीमेंट, और मून बेवरेज जैसी कंपनियों को ‘औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017’ के तहत वित्तीय सुविधाएं दी जाएंगी।
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