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गंगा दशहरा के दिन इन बातों का ध्यान रखने से मिलेगी सुख-समृद्धि

गंगा दशहरा एक ऐसा पर्व है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार माता गंगा के धरती पर अवतरण की याद में मनाया जाता है। कहते हैं कि इसी दिन माता गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान, दान और पूजा करने की विशेष मान्यता होती है। शास्त्रों में इस दिन के लिए कुछ नियमों और उपायों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें ध्यान में रखकर मनुष्य सुख-समृद्धि और पुण्य फल प्राप्त कर सकता है।
गंगा दशहरा के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें: इस पवित्र दिन पर मांस-मदिरा का सेवन करना वर्जित माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है और जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्याज, लहसुन जैसे तामसिक भोजन का सेवन करने से मन शुद्ध नहीं रहता, जिससे पूजा का फल भी प्राप्त नहीं होता। इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना सबसे उत्तम माना गया है।

इस दिन गरीबों का अपमान न करें: गंगा दशहरा के दिन किसी गरीब, बड़े-बुजुर्ग या अपने से छोटे व्यक्ति का अपमान करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कटु वचन बोलने या किसी का अपमान करने से पाप लगता है। इसलिए हर किसी से मधुर वाणी और अच्छा व्यवहार रखना चाहिए, जिससे माता गंगा प्रसन्न होती हैं।
गंगा स्नान के समय गलतियां न करें: गंगा में स्नान करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, गंगा में सीधा प्रवेश नहीं करना चाहिए। पहले माता गंगा के सामने हाथ जोड़कर क्षमा मांगनी चाहिए। महिलाओं को खुले बालों के साथ स्नान नहीं करना चाहिए, उन्हें बाल बांधकर ही डुबकी लगानी चाहिए। इसके अलावा स्नान से पहले वस्त्र उतारना भी वर्जित है, क्योंकि इसे भगवान का अपमान माना जाता है।

करियर में तरक्की के लिए उपाय: अगर आपके करियर या नौकरी में समस्याएं आ रही हैं, तो गंगा दशहरा के दिन गंगाजल की कुछ बूंदें एक बाल्टी पानी में मिलाकर स्नान करें। साथ ही शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें और सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। जल में कुमकुम मिलाकर अर्पित करने से करियर में तरक्की और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

इस दिन गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति: गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का सबसे बड़ा महत्व है। विधि-विधान से स्नान करने से दस पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष कीप्राप्ति होती है। इस दिन कम से कम 5 या 7 डुबकी जरूर लगानी चाहिए और फूल, दूध, अक्षत आदि गंगा में अर्पित करने चाहिए। इससे माता गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।
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