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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग करने जा रहा है बड़ा बदलाव, चुनाव प्रक्रिया हो जाएगी और पारदर्शी
चुनाव आयोग अब सभी मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग करेगा

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ विशेष कदम उठाए हैं। इन नियमों को इस साल होने वाले बिहार चुनाव से लागू किया जाएगा। दअसल, नए नियम के तहत वोटिंग प्रोसेस की निगरानी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग अब सभी मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग करेगा। चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव से यह फैसला लागू किया जाएगा। लेकिन यह भी ध्यान देने की बात है कि वेबकास्टिंग डेटा आयोग के इंटरनल यूज के लिए होगा। मतलब इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। अभी तक 50 प्रतिशत पोलिंग स्टेशन की ही वेबकास्टिंग की जाती थी। लेकिन अब जहां-जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले इलाके होंगे, वहां-वहां वेबकास्टिंग की जाएगी। वहीं, जहां अभी भी इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, वहां वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी जैसी ऑप्शनल व्यवस्था की जा सकती है। दरअसल, राहुल गांधी की ओर से वोटिंग में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया गया था। इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव को लेकर बड़ा कदम उठाया है। बिहार का चुनाव देश का ऐसा पहला चुनाव होगा जिसमें 100 फीसदी वेबकास्टिंग होगी।
वेबकास्टिंग मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम बनाया जाएगा
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रदेश, जिला और विधानसभा सीट स्तर पर वेबकास्टिंग मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसकी देखरेख और निगरानी के लिए प्रत्येक स्तर पर नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में पोलिंग स्टेशन के सीसीटीवी, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए नियम बदले थे। वहीं, चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून मंत्रालय ने द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल- 1961 के नियम 93(2)(A) में बदलाव किया था। नियम 93 कहता है कि चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज पब्लिकली उपलब्ध रहेंगे। लेकिन इसे बदलकर चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज ‘नियमानुसार' पब्लिकली उपलब्ध रहेंगे कर दिया गया था। इसी को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे और फिर बाद में यह मामला कोर्ट में गया। अभी नियम में बदलाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की याचिका लंबित है।
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