- Hindi News
- राष्ट्रीय
- अहमदाबाद प्लेन क्रैश: हादसे के 70 घंटे बाद गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी का डीएनए मैच, राजकोट में...
अहमदाबाद प्लेन क्रैश: हादसे के 70 घंटे बाद गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी का डीएनए मैच, राजकोट में होगा अंतिम संस्कार

अहमदाबाद। 12 जून को दोपहर 1.40 बजे हुए विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का भी निधन हो गया था। इस हादसे में कई शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि पहचानना भी मुश्किल था। ऐसे में डीएनए के जरिए शवों का पहचान कर उनके परिजनों को सौंपा जा रहा है। इधर, विजय रुपाणी का 70 घंटे बाद डीएनए मैच हो गया है। उनके बेटे ने डीएनए के लिए सैंपल दिये थे। अब उनका शव परिवार को सौंपा जाएगा और राजकोट में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। विजय रुपाणी का अंतिम संस्कार राजकोट में करने का निर्णय लिया गया है। अंतिम संस्कार से पहले दर्शन के लिए उनके शव को निर्मला कॉन्वेंट स्कूल रोड स्थित प्रकाश सोसायटी स्थित विजय रूपाणी के निवास पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी परिवार को संत्वाना देने के लिए राजकोट पहुंच गए हैं। विजय रुपाणी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इधर, हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 275 पहुंच गया है। रविवार सुबह तक 248 शवों के डीएनए सैंपल लिए गए। इनमें से 31 मैच हुए हैं, जिनमें से 20 शव परिजन को सौंपे गए हैं। उनके डेथ सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराए गए। वहीं, 192 एम्बुलेंस और वाहन स्टैंडबाय पर हैं। हादसे में जान गंवाने वाले विदेशी नागरिकों में से 11 के परिजन आज अहमदाबाद पहुंच सकते हैं।

वडोदरा में बन रहे ताबूत…इतने ताबूत देख सबकी आंखें नम
इधर, शवों को रखने के लिए 170 ताबूत बनाने का ऑर्डर दिया गया है। इनमें से करीब 100 ताबूत वडोदरा से अहमदाबाद लाए गए हैं। बाकी के ताबूत बनाने का काम जारी है। इतने ताबूत एक साथ देख लोगों की आंखें नम हो जा रही हैं।
जांच कमेटी गठित, तीन महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
विमान हादसा मामले में नागरिक उड्डयन मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई है। एयरपोर्ट से 2 किमी की दूरी पर हादसा हुआ। हर पहलू से हादसे की जांच की जा रही है। वहीं, ब्लैक बॉक्स बरामद हो चुका है। ब्लैक बॉक्स से हादसे का कारणों का पता चलेगा। 650 फीट की ऊंचाई पर खराबी आई। पायलट ने इमरजेंसी सूचना दी थी। तीन महीने में जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
About The Author

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.