समर वेकेशन के बाद बच्चे कहीं आलसी न हो जाएँ: पैरेंट्स के लिए 7 असरदार टिप्स

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गर्मी की छुट्टियाँ बच्चों के लिए मस्ती, आराम और खुद को फिर से तरोताजा करने का समय होती हैं। लेकिन कई बार ये छुट्टियों में इतनी ढील दी जाती हैं कि बच्चे स्कूल शुरू होने पर अनुशासन खो बैठते हैं। ऐसे में सवाल उठता है —समर वेकेशन में ऐसा क्या करें कि बच्चे बाद में आलसी न हो जाएँ?

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यहाँ पैरेंट्स के लिए कुछ आसान लेकिन असरदार टिप्स दिए गए हैं:

1. एक लचीला रूटीन बनाएं

छुट्टियों में सुबह 6 बजे उठना जरूरी नहीं है, लेकिन दिन पूरी तरह बेतरतीब भी नहीं होना चाहिए। बच्चे सुबह एक तय समय पर उठें, ब्रश करें, नहाएं और कुछ प्रोडक्टिव काम करें – जैसे पढ़ना, लिखना, या कोई क्रिएटिव एक्टिविटी।

अनुशासन से छुट्टी नहीं, लचीलापन चाहिए।’

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2. हर दिन कुछ ‘सीखना’ अनिवार्य करें

छुट्टियों में रोज़ 30-45 मिनट नई जानकारी के लिए रखें। चाहें तो किताबें पढ़ें, पहेलियाँ हल करें, या सामान्य ज्ञान से जुड़ी बातें सीखें।

छुट्टियाँ ज्ञान से दूरी नहीं, नई खोज का समय होनी चाहिए।’

 3. शारीरिक गतिविधि में शामिल करें

हर दिन बच्चों को 1-2 घंटे आउटडोर गेम्स, साइक्लिंग, स्विमिंग या योग जैसी किसी फिज़िकल एक्टिविटी में लगाएं। इससे शरीर एक्टिव और मन प्रसन्न रहता है।

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 4. क्रिएटिविटी को उड़ान दें

बच्चों को ड्राइंग, म्यूजिक, नाटक, डांस, क्राफ्ट, या बागवानी जैसी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें।

ये न केवल उनका मनोरंजन करेंगे बल्कि फोकस भी बढ़ाएंगे।

 5. छोटे घरेलू कामों की जिम्मेदारी दें

उन्हें बताएं कि घर भी उनकी जिम्मेदारी है। बर्तन पोंछना, किताबें जमाना, अपने कपड़े फोल्ड करना – ये आदतें आत्मनिर्भरता और दैनिक अनुशासन सिखाती हैं।

 6. परिवार के साथ समय बिताएं

साथ मिलकर खाना बनाना, बोर्ड गेम खेलना, मंदिर जाना या कहानियाँ सुनना — ये सब बच्चों को जीवन के सामाजिक और भावनात्मक मूल्य सिखाते हैं।

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 7. स्क्रीन टाइम को सीमित करें

मोबाइल और टीवी से एकदम दूर रहना व्यावहारिक नहीं, लेकिन उनका समय तय करें। उन्हें स्क्रीन टाइम के बदले स्किल टाइम’ दें — जैसे नई भाषा सीखना, टाइपिंग प्रैक्टिस, या मैप पढ़ना।

गर्मी की छुट्टियाँ बच्चों के लिए एक सीखने, खेलने और सशक्त बनने का सुनहरा मौका होती हैं — बशर्ते पैरेंट्स थोड़ी योजना और भागीदारी दिखाएं। छुट्टियाँ अगर सही तरीके से बिताई जाएँ, तो वे बच्चों को आलसी नहीं बनातीं, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती हैं।

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Dr. Garima Mehta, M.D. (Pediatrics), is a renowned Pediatric Critical Care and Neonatal Specialist with a deep commitment to child health and development. As a Certified Lactation Consultant (BPNI), she brings a compassionate and evidence-based approach to supporting new mothers and infants. Currently serving as Senior Consultant at Kilkaari Children Hospital & Lactation Center in Surat, Dr. Mehta is dedicated to providing comprehensive pediatric care, especially in high-risk and neonatal cases.

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