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भारत का पहला AI शहर, 10,732 करोड़ से बदल जाएगा पूरे शहर का चेहरा

AI इकोसिस्टम विकसित करने के लिए इंडियाAI मिशन के तहत राज्य की राजधानी लखनऊ को मार्च 2024 में 10,732 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त हुआ है। इसके तहत, लखनऊ को देश का पहला AI शहर बनाने की योजना है। यह पहल उत्तर प्रदेश को एक IT डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास है।

इस निवेश के तहत, 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट, मल्टी-मीडिया भाषा मॉडल और एक AI इनोवेशन सेंटर बनाया जाएगा। राज्य सरकार जल्द ही विजन 2047 के तहत AI नीति का मसौदा तैयार करेगी। राज्य सरकार के अनुसार, यह निवेश भारत के अन्य प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर की तुलना में 67 प्रतिशत अधिक है। लखनऊ के लिए एक हाई-टेक AI-आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का भी प्रस्ताव किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में AI-आधारित स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लागू करने की तैयारियां पहले से ही चल रही हैं।

राज्य सरकार की इस बड़ी पहल के तहत, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल के साथ साझेदारी में 10 लाख से अधिक युवाओं, गांव के मुखियाओं, शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों और किसानों को AI, साइबर सुरक्षा, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स में प्रशिक्षित किया जा रहा है। यहां हर महीने 1.5 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उद्योग के लिए तैयार प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे।

17 नगर निगमों और गौतम बुद्ध नगर में सीसीटीवी निगरानी, फेशियल रिकॉग्निशन, SOS अलर्ट सिस्टम और नंबर प्लेट ट्रैकिंग जैसी AI संचालित प्रणालियाँ लागू की गई हैं। ये 112 हेल्पलाइन और पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ी हुई हैं। 'जार्विस' AI मॉनिटरिंग सिस्टम 70 जेलों में सक्रिय है, जो कैदियों पर 24x7 निगरानी रखती है।
इस योजना के तहत, 10 लाख किसानों को स्मार्ट सिंचाई, कीट पहचान, ड्रोन मैपिंग और डिजिटल मार्केट एक्सेस जैसी AI तकनीक से जोड़ा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में 10,000 महिला स्वयं सहायता समूह भी शामिल हैं।

खनिज संसाधनों के संरक्षण के लिए, 25 जिलों में 57 मानवरहित AI सक्षम चेक गेट स्थापित किए गए हैं। AI कैमरों के साथ जियोफेंसिंग, RFID टैग और वेब ब्रिज का उपयोग करके अवैध खनन पर नजर रखी जाती है।
राज्य सरकार के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में देश का पहला AI आधारित स्तन कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर फतेहपुर में स्थापित किया गया है।
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