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मध्य प्रदेश पहुंचे पीएम मोदी फिर पाकिस्तान पर गरजे, बोले- गोली का जवाब गोले से मिलेगा
बोले- आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी, यही उनके लिए काल बन गई

भोपाल। मध्य प्रदेश दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से पाकिस्तान को चुनौती दी है। भोपाल में उन्होंने कहा कि गोली का जवाब गोले से मिलेगा। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी। यही चुनौती उनके और उनके आकाओं को लिए काल बन गई। हमारी सेना ने दुश्मन के घर में सैकड़ों किमी दूर घुसकर उनके आतंकी ठिकानों को तबाह किया। ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सफल ऑपरेशन है। अब सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकियों के जरिए प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा। अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसे भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
देवी अहिल्याबाई नाम सुनकर ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ता है…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर ये नाम सुनकर ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। दरअसल भोपाल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति, मंदिरों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उनको संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। देश में कई मंदिरों-तीर्थों का पुनर्निर्माण किया।
खुली जीप में मोदी कार्यक्रम स्थल पहुंचे
पीएम मोदी इससे पहले खुली जीप में कार्यक्रम स्थल पहुंचे। इस दौरान हाथ जोड़कर महिलाओं का अभिवादन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर ही आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यही नहीं उन्होंने महिला बुनकर और ड्रोन दीदी से बात भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले माताएं-बहनें अपनी बीमारियों छिपाने पर मजबूर थीं। गर्भावस्था के दौरान अस्पताल जाने से बचती थीं। उनको लगता था कि इससे परिवार पर बोझ पढ़ेगा। इसलिए दर्द सहती थीं। आयुष्मान भारत योजना ने उनकी इस चिंता को भी खत्म कर दिया। अब वो भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कर सकती हैं। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार लोकमाता अहिल्याबाई के इन्हीं मूल्यों पर चलते हुए काम कर रही है। सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं, बहनें-बेटियां हैं। गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम हैं।
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