- Hindi News
- राष्ट्रीय
- आज देश को मिल जाएंगे नए उपराष्ट्रपति, कैसे होता है चुनाव, कितनी होगी सैलरी? जानिए पूरी जानकारी
आज देश को मिल जाएंगे नए उपराष्ट्रपति, कैसे होता है चुनाव, कितनी होगी सैलरी? जानिए पूरी जानकारी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। तब से उपराष्ट्रपति की कुर्सी खाली थी। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया आज संसद भवन में सुबह 10:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक होगी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि INDIA ब्लॉक द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा गया है। देश को आज ही नए उपराष्ट्रपति मिल जाएंगे। यह चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के बीच सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम द्वारा होता है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग, राज्यसभा सचिवालय और प्रत्येक संसदीय सचिव को इसमें शामिल किया जाता है। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के बाद दूसरे क्रम का सर्वोच्च संवैधानिक पद धारण करते हैं। वे राज्यसभा के अध्यक्ष भी होते हैं। यदि कार्यकाल के बीच राष्ट्रपति का पद खाली पड़ता है, तो वे कार्यवाहक राष्ट्रपति भी बनते हैं। उनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य शामिल होते हैं।

मतदान कैसे होता है?
उपराष्ट्रपति का चुनाव Proportional रिप्रेजेंटेशनल प्रणाली के तहत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम द्वारा होता है। इसमें, सांसद अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए क्रमिक रूप से मतदान करते हैं। यदि कोई कोटा पहली पसंद में पूरा नहीं होता, तो मत अगले पसंद में स्थानांतरित हो जाते हैं।
उपराष्ट्रपति का चुनाव कब होता है?
यदि उपराष्ट्रपति अचानक किसी कारण से इस्तीफा देते हैं, यानी, यदि यह पद अचानक खाली हो जाता है तो संविधान (अनुच्छेद 63(2)) के अनुसार, जितनी जल्दी हो सके चुनाव होने चाहिए। उपराष्ट्रपति पद के लिए वर्तमान चुनाव मानसून सत्र के बाद नियमों के अनुसार हो रहे हैं।

उपराष्ट्रपति का वेतन कितना है?
उपराष्ट्रपति पद के लिए अलग वेतन का कोई प्रावधान नहीं है। राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में उन्हें हर महीने 4 लाख रुपये वेतन के रूप में दिए जाते हैं। उन्हें आवास, चिकित्सा सुविधा, यात्रा
, कार्यालय खर्च, सुरक्षा, फोन सेवा और पेंशन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। पेंशन का स्तर पूर्ववर्ती वेतन का 50% होता है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और दोबारा चुने जाने की भी संभावना होती है। यदि कार्यकाल पूरा होने के बाद भी कोई नए पदाधिकारी नहीं आते, तो वे आगे काम करते रहते हैं।
उपराष्ट्रपति के अधिकार और कर्तव्य
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष होते हैं- उनके पास कार्यवाही का संचालन, अनुशासन, सदस्य अयोग्यता (दल-बदल विरोधी कानून के तहत) जैसी बातों में अंतिम अधिकार होता है। यदि राष्ट्रपति का पद खाली पड़े तो वे कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते हैं और राष्ट्रपति के अधिकारों का निर्वहन करते हैं।
About The Author

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.