#HaldiChallenge: क्या हल्दी से कैंसर का उपचार हो सकता है?

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सोशल मीडिया के इस युग में स्वास्थ्य से जुड़ी सच्ची-जूठी बातें बहुत तेजी से फैलती हैं। ऐसा ही एक लोकप्रिय ट्रेंड — #HaldiChallenge— ने हल्दी को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। गोल्डन लाटे से लेकर घरेलू इम्यूनिटी शॉट्स तक, पूरी दुनिया हल्दी को एक “चमत्कारी मसाला” मान रही है।

एक कैंसर फिजि़शियन के रूप में मुझसे अक्सर पूछा जाता है: "क्या हल्दी जैसी जड़ी-बूटियाँ वास्तव में कैंसर से बचाव या इलाज में मदद करती हैं?"

इसका उत्तर सरल नहीं है, लेकिन प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के संगम में छिपा है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यदि इस विषय की चर्चा करें तो हल्दी में कर्क्यूमिन पाया जाता है जिसकी मेडिसिनल वेल्यू है-  

-सूजन रोकता है: क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (दीर्घकालिक सूजन) कैंसर के रोगियों में पाई जाती है। लैब रिसर्च में यह पाया गया है कि कर्क्यूमिन सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
-एंटीऑक्सीडेंट गुण: कर्क्यूमिन हानिकारक फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करता है, जो डीएनए को नुकसान पहुँचाकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
-कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना: कुछ प्रयोगशालाओं में यह पाया गया है कि कर्क्यूमिन कैंसर कोशिकाओं में अपोप्टोसिस (प्रोग्राम्ड सेल डेथ) को बढ़ावा देता है, जबकि स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुँचाता।

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लेकिन एक चुनौती है:

कर्क्यूमिन की जैव उपलब्धता (bioavailability) बहुत कम है — यानी शरीर इसे सीमित मात्रा में ही सोख पाता है। इस बाधा को दूर करने के लिए वैज्ञानिक पिपरिन (काली मिर्च), लिपोसोमल कर्क्यूमिन, और नैनोफॉर्म्यूलेशन्स जैसी नई तकनीकों पर शोध कर रहे हैं।

हल्दी जैसी जड़ी-बूटियाँ मुख्य इलाज का विकल्प नहीं, बल्कि पूरक हो सकती हैं। इनका कार्य है:

- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
- कीमोथेरेपी या रेडिएशन के दुष्प्रभावों को कम करना
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना

लेकिन कोई भी हर्बल सप्लिमेंट शुरू करने से पहले अपने ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह अवश्य लें, ताकि दवाओं के साथ किसी भी हानिकारक प्रतिक्रिया से बचा जा सके।

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#HaldiChallenge से मिलने वाली सीख:

यह ट्रेंड भले ही हल्का-फुल्का लगे, लेकिन यह हमें हमारी प्राकृतिक चिकित्सा परंपराओं से जुड़ने की याद दिलाता है। एक कैंसर चिकित्सक के रूप में मैं ऐसे ट्रेन्ड्स का स्वागत करती हूँ ताकि हम:

- परंपरागत ज्ञान पर वैज्ञानिक चर्चा करें
- प्रमाण-आधारित समग्र (integrative) देखभाल को बढ़ावा दें
- जीवनशैली और पोषण के माध्यम से कैंसर की रोकथाम करें

हल्दी और अन्य जड़ी-बूटियाँ कैंसर के खिलाफ हमारी मित्र हो सकती हैं — लेकिन इलाज नहीं। विज्ञान लगातार यह समझने की कोशिश कर रहा है कि इनका सही और सुरक्षित उपयोग कैसे किया जाए। आइए, प्रकृति के ज्ञान का सम्मान करते हुए, वैज्ञानिक साक्ष्य के साथ इलाज की दिशा में आगे बढ़े।

About The Author

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Dr. Dinky Gajiwala, DNB (Medicine), DNB (Medical Oncology), is a dedicated Medical Oncologist and Consultant at Hope Cancer Clinic, Surat. She specializes in comprehensive cancer treatment and is passionate about empowering patients through education and awareness. With a strong presence on social media, Dr. Gajiwala actively spreads reliable information on breast cancer, chemotherapy, immunotherapy, and other critical aspects of oncology, making cancer care more accessible and understandable for all.

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