अडानी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2025 में 75,000 करोड़ रुपये का कर चुकाया, जो पिछले साल से 29% अधिक है

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 उद्योगपति गौतम अडानी अपने अडानी ग्रुप के माध्यम से देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ताजा खबरों के अनुसार अडानी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत सरकार को 75,000 करोड़ रुपये का कर चुकाया है, जो पिछले साल के 58,104 करोड़ रुपये से 29% अधिक है। इस राशि में प्रत्यक्ष कर के रूप में 28,720 करोड़ रुपये, अप्रत्यक्ष कर के रूप में 45,407 करोड़ रुपये और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 818 करोड़ रुपये शामिल हैं। कर की यह राशि इतनी बड़ी है कि यह मुंबई के पूरे मेट्रो नेटवर्क के निर्माण लागत के बराबर है, जो लाखों लोगों के दैनिक आवागमन को आसान बनाता है।

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गौतम अडानी का यह योगदान एक गुजराती के रूप में गर्व की बात है क्योंकि यह देश की प्रगति में योगदान देता है। अडानी ग्रुप की सात सूचीबद्ध कंपनियों, जिनमें अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी सीमेंट शामिल हैं, ने यह कर चुकाया है। इसके अलावा ग्रुप ने अपनी कर पारदर्शिता को प्रदर्शित करने के लिए 'कर की तैयारी और दृष्टिकोण का आधार' नामक एक दस्तावेज भी प्रकाशित किया है, जिसमें वैश्विक कर और अन्य योगदानों का विवरण है। यह उपलब्धि देश के आर्थिक विकास में अडानी ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे लेकर सवाल भी उठाए हैं।

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कुछ यूजर्स का कहना है कि जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष कर उपभोक्ताओं से वसूले जाते हैं, जिसका बोझ अंततः जनता पर पड़ता है। इसके अलावा, अडानी ग्रुप पर 2.4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज और अमेरिका में 265 मिलियन डॉलर के रिश्वत मामले का जिक्र करके भी आलोचना की गई है। हालांकि, इन सबके बीच गौतम अडानी का कर योगदान एक गुजराती के तौर पर देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी और सम्मान को दर्शाता है। ऐसे योगदान देश के बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास को एक नई दिशा दे सकते हैं, जो गुजरातियों के लिए गर्व की बात है।

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