गुजरात की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की सरकार से मांग, जीआईडीसी से बाहर चल रहे प्रोसेसिंग यूनिट को भी मिले सपोर्ट

कहा- वैश्विक बाजार में टिके रहने के लिए यह बहुत जरूरी

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सूरत। गुजरात में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को और बेहतर बनाने के लिए लगातार कवायद चल रही है। अब तकनीक पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसी को लेकर गुजरात की टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रोसेसिंग सेगमेंट को विशेष प्राथमिकता दी जाए। दरअसल, उद्योग प्रतिनिधियों का मानना कहा है कि टेक्सटाइल वैल्यू चेन में यह सेगमेंट सबसे कमजोर कड़ी है और इसे गुजरात टेक्सटाइल पॉलिसी- 2024 के दायरे में लाने की जरूरत है।

टेक्सप्रोसिल (The Cotton Textiles Export Promotion Council) के चेयरमैन विजय अग्रवाल, पावरलूम डेवलपमेंट एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (PDEXCI) के पूर्व चेयरमैन भरत छाजेर और अन्य प्रमुख उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने पॉलिसी में तालुका की वर्गीकरण प्रक्रिया की अस्पष्टता पर चिंता जताई और प्रोसेसिंग यूनिट्स को अधिक सहयोग देने की अपील की। प्रतिनिधियों ने बताया कि वर्तमान पॉलिसी में केवल जीआईडीसी (गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) एस्टेट में स्थित यूनिट्स को लाभ मिलता है। जबकि नगर निगम क्षेत्र की सीमा में आने वाले, लेकिन जीआईडीसी के बाहर चल रहे यूनिट्स को पॉलिसी से बाहर रखा गया है। इस वजह से लगभग 99 प्रतिशत प्रोसेसिंग यूनिट्स किसी भी लाभ से वंचित हैं। अकेले अहमदाबाद में ही करीब 800 यूनिट्स चल रही हैं। इसी तरह सूरत में भी बड़ी संख्या में प्रोसेसिंग यूनिट्स मौजूद हैं। उद्योग जगत का कहना है कि यह स्थिति यूनिट्स को नई मशीनरी लगाने से रोकती है और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे कर देती है।

इन सुझावों पर अमल करने का सरकार से अनुरोध

इंडस्ट्री से जुड़े बड़े कारोबारियों ने सुझाव दिया कि वे प्रोसेसिंग यूनिट्स, जो उन्नत तकनीकों जैसे वॉटरलेस डाइंग, सब्लिमेशन डिजिटल प्रिंटिंग, मॉडर्न ब्लीचिंग और वॉशिंग सिस्टम का उपयोग कर रही हैं और जहां कम पानी की खपत होती है, उन्हें भी गारमेंटिंग यूनिट्स के समान प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन यूनिट्स को केवल उन्हीं औद्योगिक इलाकों में स्थापित किया जाना चाहिए जहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम उपलब्ध हो, ताकि पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

प्रोसेसिंग यूनिट को पॉलिसी का लाभ मिलने से ये बदलाव आएगा

उद्योग जगत का कहना है कि यदि प्रोसेसिंग यूनिट्स को भी पॉलिसी का लाभ दिया जाता है तो न केवल पुराने उपकरणों को आधुनिक मशीनरी से बदला जा सकेगा बल्कि वैश्विक बाजार में गुजरात की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धा क्षमता भी बढ़ेगी। अब सभी की नजर सरकार के फैसले पर टिकी हुई है।

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