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पहलगाम हमला: गम और गुस्से के बीच सूरत के शैलेष भाई का अंतिम संस्कार, मृतक की पत्नी बोलीं: टैक्स देने वालों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं है?
केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल से बोलीं मृतक की पत्नी: मुझे न्याय चाहिए, बच्चों का भविष्य खराब नहीं होना चाहिए

सूरत। पहलगाम में हुए हमले में तीन गुजरातियों की भी जान चली गई। इनमें एक सूरत के जबकि दो भावनगर के हैं। पहलगाम हमले में भावनगर के पिता-पुत्र ने अपनी जान गंवाई। इन तीनों के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग जुटे। गम और गुस्से के साथ इनकी अंतिम विदाई दी गई। भावनगर में शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पहुंचे और परिवार के दुख में शामिल हुए। वहीं, सूरत में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। हालांकि इस दौरान उन्हें पीड़ित परिवार का गुस्सा भी झेलना पड़ा। दरअसल, सूरत के शैलेषभाई कलथिया भी पहलगाम हमले में मारे गए थे। उनके अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें मृतक की पत्नी शीतलबेन का गुस्सा झेलना पड़ा।
शीतलबेन ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि पहलगाम में कोई सेना, कोई पुलिस नहीं थी। मैं मदद के लिए चिल्लाती रही। इतने बड़ा पर्यटन स्थल होने के बावजूद कोई मेडिकल कैंप नहीं था। आप लोग जनता के टैक्स से हेलीकॉप्टर पर घूमते हैं। आपकी जिंदगी जिंदगी है, टैक्स देने वालों की जिंदगी जिंदगी नहीं है? उन्होंने आतंकी हमले के लिए सरकार और सुरक्षा एंजेसियों को जिम्मेदार ठहराया। शीतलबेन के बोलने के दौरान केंद्रीय मंत्री चुपचाप सिर झुकाकर उनकी बातें सुनते रहे। हालांकि पाटिल ने कहा कि हां बहन, जरूर, हम आपको न्याय दिलाएंगे। इस पर शीतलबेन ने कहा कि बिल्कुल नहीं। हमें अब सरकार पर भरोसा नहीं है। पहले भरोसा था, इसलिए हम पहलगाम गए थे।
बैंक में मैनेजर थे शैलेष कलथिया
44 साल के शैलेषभाई सूरत शहर के चिकुवाड़ी इलाके के रहने वाले थे। वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थे। चार साल पहले ट्रांसफर के चलते मुंबई चले गए थे। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पहलगाम घूमने गए थे।
शीतलबेन बोलीं- अब मेरे बच्चों का क्या भविष्य है, मुझे न्याय चाहिए
शीतलबेन ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि इन बच्चों का क्या भविष्य है? मैं अपने बेटे को इंजीनियर, बेटी को डॉक्टर बनाना चाहती हूं। अब कैसे बनाऊंगी? मुझे न्याय चाहिए, मेरे लड़कों का भविष्य खराब नहीं होना चाहिए। मुझे न्याय चाहिए। उन्होंने कहा कि पहलगाम में कोई सुविधा नहीं है, कोई सेना नहीं है, कोई पुलिस नहीं है। जब बड़े नेता या वीआईपी आते हैं, तो उनके पीछे कितनी गाड़ियां होती हैं। आतंकवादी हमारे सामने आते हैं और हिंदू-मुसलमान पूछकर सिर्फ हिंदुओं को गोली मार देते हैं। सेना क्या कर रही थी? वह इतना बड़ा पर्यटन स्थल हैं। फिर भी वहां कोई सेना के जवान, पुलिस वाले या कोई मेडिकल सुविधा नहीं है। अगर मोदी सरकार सारी सुविधाएं सिर्फ अपने लिए रखना चाहती है तो आज से कोई भी इस सरकार को वोट नहीं देगा। आपकी जिंदगी जिंदगी है, टैक्स देने वाले की जिंदगी जिंदगी नहीं है?
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