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राहुल-प्रियंका की बढ़ने वाली है टेंशन! एक साल बाद फिर अमेठी लौटीं स्मृति ईरानी
बोलीं- अमेठी से कभी दूर गई ही नहीं, यहां से मेरा रिश्ता संघर्ष और सम्मान का है

अमेठी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी एक बार फिर अमेठी लौट आईं हैं। उनके इस कमबैक को सियासी पंडित अहम मान रहे हैं। ईरानी का यह कमबैक कांग्रेस के लिए एक बार फिर से मुश्किलें खड़ी कर सकता है। बता दें कि 2024 के आम चुनाव में स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा था। गौरीगंज की जनसभा में 2029 के रण का बिगुल फूंकते हुए स्मृति ने कहा कि अमेठी के लोगों से मेरा दीदी का रिश्ता अब मेरी अर्थी उठने के बाद ही टूटेगा। स्मृति ईरानी के अमेठी लौटने से पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह फिर से दिखने लगा है। स्मृति के अंदाज से ऐसा लग रहा है कि वह अब अमेठी छोड़ने के मूड में नहीं है। इस बार वापस अमेठी लौटने पर स्मृति ईरानी का अंदाज काफी-काफी बदला-बदला सा दिखा। उन्होंने साफ-साफ कहा कि अमेठी से मेरा रिश्ता कभी टूटा ही नहीं था और न ही यहां से कभी दूर गई थी।
बता दें कि स्मृति ईरानी जब 2014 के लोकसभा में प्रत्याशी बनी थीं, तो चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ 22 दिन मिले थे। उस चुनाव में उन्होंने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। बड़ी मुश्किल से वो चुनाव जीते थे। इसके बाद भी स्मृति ईरानी केंद्र में मंत्री बनीं। लेकिन, पूरे 5 साल तक अमेठी में लोगों के बीच सक्रिय रहीं। दूसरी ओर, राहुल गांधी कभी आए ही नहीं। स्मृति ईरानी ने बिना अमेठी का जनप्रतिनिधि बने ही क्षेत्र में सड़क, पुल, फैक्ट्री आदि के कई काम कराए। और इसका परिणाम यह हुआ कि 2019 के चुनाव में जनता ने उन्हें अमेठी से चुन लिया। इसके बाद स्मृति ईरानी ने गौरीगंज में अपना घर तक बनवा लिया है। हालांकि अमेठी में स्मृति ईरानी पिछला लोकसभा चुनाव हार गईं।
स्मृति ने इशारों-इशारों में अपना दर्द भी बयां कर दिया
स्मृति ईरानी जब करीब 1 साल बाद अमेठी के गौरीगंज में एक जनसभा में पहुंची तो उनका दर्द भी छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं अमेठी में दीदी बनकर घर गढ़ने आई थी। भाइयों की जिम्मेदारी होती है घर की सुरक्षा की। उनका इशारा संगठन की ओर ही था। उन्होंने कहा कि अमेठी और मेरा रिश्ता दीदी का है। यहां से मेरा रिश्ता कभी टूटा ही नहीं था।
क्या 2029 के चुनाव में बाजी पलट पाएंगी
स्मृति ईरानी ने अभी से अगले आम चुनाव की तैयारी कर दी है। हालांकि अभी इसमें वक्त है। चुनाव 2029 में होंगे। लेकिन गौरीगंज की सभा से एक बार फिर ये सियासी संदेश देने की कोशिश की है कि अमेठी उनके लिए सिर्फ एक चुनावी क्षेत्र भर नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां से मेरा रिश्ता खून से नहीं, संघर्ष और सम्मान से है। यानी इसके जरिए उन्होंने बता दिया कि वे मैदान से हटी नहीं हैं। अब भी वे डटी हैं। उनका लक्ष्य 2029 का लोकसभा चुनाव है। खुद पार्टी के कई पदाधिकारियों ने भी मंच से माना कि 2024 की चुनावी हार का बदला वे ब्याज समेत अगली बार चुकता कर देंगे। ईरानी ने ये भी कहा कि अमेठी में मैं भले 11 महीने बाद आई हूं, लेकिन अमेठी से कभी दूर नहीं हुई। यह मेरी जन्मभूमि भले न हो, लेकिन यह मेरी कर्मभूमि है।
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